नई दिल्ली: भारत और बांग्लादेश (Bangladesh) के बीच 6 अक्टूबर को ग्वालियर, मध्य प्रदेश में होने वाला अंतरराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट मैच अखिल भारत हिंदू महासभा के विरोध के कारण संकट में आ गया है। संगठन का कहना है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में वे इस मैच का विरोध कर रहे हैं। इससे मैच की सुरक्षा और इसे शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।
हिंदू महासभा ने साफ कर दिया है कि वे ऐसे देश के साथ भारत में क्रिकेट मैच स्वीकार नहीं करेंगे, जहां, हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है और खून से लिखे पत्र के जरिए भारत-बांग्लादेश (Bangladesh) क्रिकेट श्रृंखला को रद्द करने की अपील की है।
ग्वालियर को 14 साल बाद एक अंतरराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट मैच की मेजबानी का मौका मिला है। यह मैच 6 अक्टूबर को शंकरपुर में नव निर्मित श्रीमंत माधवराव सिंधिया क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा। इस आयोजन की जानकारी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे आर्यमन सिंधिया ने दी थी, जिन्होंने इस मैच को ग्वालियर में कराने के लिए काफी प्रयास किए हैं, लेकिन अब हिंदू महासभा ने बांग्लादेश (Bangladesh) की टीम के खिलाफ विरोध शुरू कर दिया है।
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हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. जयवीर भारद्वाज का कहना है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के कारण इस मैच का विरोध किया जा रहा है। उनके अनुसार, बांग्लादेश में हिंदुओं का कत्लेआम हो रहा है, उन्हें लूटा और भगाया जा रहा है और उनके घर जलाए जा रहे हैं। ऐसे में इस देश की टीम के साथ भारत का मैच नहीं होना चाहिए। संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर बांग्लादेश की टीम को भारत में खेलने से नहीं रोका गया, तो वे ग्वालियर में इस मैच का कड़ा विरोध करेंगे।