नई दिल्ली। Hit And Run केस के नए कानून को लेकर सरकार और ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के बीच मंगलवार देर शाम सुलह हो गई जिसके बाद संगठन ने हड़ताल पर गए ड्राइवरों से काम पर लौट आने का निर्देश दिया। मंगलवार देर शाम हुए फैसले को लेकर केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने बताया कि भारत सरकार ने IPC की धारा 106 (2) में 10 साल की सजा और जुर्माने के नए प्रावधान अभी लागू नहीं होंगे। कानून को लागू करने से पहले संगठन की राय ली जाएगी। उधर, संगठन के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने भी बताया कि गृह सचिव ने हमें आश्वासन दिया है कि बैठकर इस कानून की समीक्षा की जाएगी। गृह मंत्रालय के बैठक के बाद देश के कई हिस्सों में ट्रक ड्राइवर्स ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर दिया। लेकिन कुछ हिस्सों में ड्राइवर ने अभी तक कोई फैसला नहीं ले पाए हैं।
Hit And Run के दोनों प्रावधानों में क्या अंतर
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्रीय सरकार ने सदन में भारतीय न्याय संहिता संशोधन विधेयक 2023 पेश किया। जिसका मकसद अंग्रेजों के समय से चली आ रही कुछ दंड विधानों में परिवर्तन करना था। यह विधेयक संसद से पारित हो गई। इस नए विधान में केंद्र सरकार द्वारा हिट एंड रन मामले में कानून को सख्त बनाने का काम किया गया है। पहले इसमें अलग अलग धाराओं में 2 सालों के लिए सजा और शर्तों के साथ कभी भी जमानत का नियम था।
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लेकिन केंद्र सरकार ने Hit And Run कानून सख्त बनाते हुए इसमें 10 साल की सजा और 7 लाख रुपये का जुर्माना कानून में जोड़ दिया। आसान भाषा में कहे तो यदि को चालक तेज और लापरवाही या अन्य कारणों से गाड़ी चलते हुए किसी के मौत का कारण बनता है, और मजिस्ट्रेट या पुलिस को बिना जानकारी दिए हुए ही घटनास्थल से भाग जाता है तो उसे सजा के तौर 10 साल तक की कैद और 7 लाख रुपए जुर्माना देना पड़ेगा।
सुलह के बाद चीजे सामान्य
इसको लेकर पिछले दिनों ट्रक ड्रावर और ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के लोगों द्वार, देश भर में हड़ताल किए जा रहे थे। जिनका कहना था की सरकार का यह कानून उनके पक्ष में नहीं है। ड्राइवरों का कहना है कि अगर वो रुके तो उन्हें मॉब लिंचिंग से कौन बचाएगा. उनके लिए इतनी बड़ी रकम जुटाना आसान नहीं नहीं। हालांकि यह हड़ताल अब खत्म हो चुका है। मध्यप्रदेश के कई इलाकों में सुबह सुबह दूध , सब्जी समेत अन्य जरूरी चीजों की सप्लाई अब सामान्य हो गया है।