नई दिल्ली: 25 जनवरी साल 1987 को टेलीविजन पर एक ऐसे धार्मिक सीरियल की शुरूआत हुई थी, जिसने भारतीय एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को एक अलग ही दिशा में मोड़ दिया था। रामायण, जी हां इस नाम को सुनते ही आपके मन में एक दिल को छू लेने वाली मुस्कान और उनके दिए गए प्रवचनों का एक एहसास सा होने लगता होगा। हम बात कर रहे हैं धार्मिक सीरियल रामायण में भगवान राम का किरदार निभाने वाले एक्टर अरुण गोविल (Arun Govil) की। इस किरदार को निभाने के बाद अरुण गोविल पर प्रभु श्री राम की कृपा ऐसी बरसी, जिसके बाद उनका सितारा चढ़ता ही चला गया।
आज से 37 साल पहले रामानंद सागर की रामायण ने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए थे लेकिन क्या आप जानते हैं ? रामायण से घर-घर में फेमस होने वाले अरुण गोविल (Arun Govil) को पहले इसमें काम करने के लिए रिजेक्ट कर दिया गया था। चलिए आज आपको रामायण धारावाहिक से जुड़े कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट्स के बारे में बताते हैं। भले ही रामायण को खत्म हुए सालों बीत गए हों, लेकिन आज भी लोग अरुण गोविल को भगवान राम की तरह पूजते हैं। भगवान राम का किरदार निभाकर अरुण गोविल ने लोगों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई जो आज भी उसी तरह कायम है।
प्रभु श्री राम का किरदार अरुण गोविल (Arun Govil) ने बड़ी ही सादगी के साथ दर्शकों के सामने पेश किया था। रामायण में काम करने के बाद अरुण गोविल की पॉपुलैरिटी इतनी ज्यादा बढ़ गई थी, कि लोग उन्हें जहां पर भी देखते थे, तो उनके पैर छू लिया करते थे लेकिन इसी से जुड़ी एक ऐसी बात भी है जिसे बेहद कम लोग ही जानते होंगे, जिस भगवान राम के रोल को निभाकर अरुण गोविल ने खुद की पहचान बनाई, उस किरदार के लिए उन्हें पहले तो रिजेक्ट ही कर दिया गया था। अरुण गोविल ने जब रामायण के लिए राम के किरदार के लिए ऑडिशन दिया था, तो उन्हें मेकर्स ने रिजेक्ट कर दिया था। स्मोकिंग करने के चलते उन्हें इस किरदार के लिए रिजेक्ट किया गया था।
रामानंद सागर को उनकी ये हरकत बिल्कुल भी पसंद नहीं आई थी। उनका मानना था कि ऐसा शख्स भगवान राम नहीं बन सकता। बस उनकी इस एक न से अरुण गोविल को रामायण से आउट कर दिया गया था लेकिन अब इसे भगवान राम की कृपा समझे या फिर अरुण गोविल की किस्मत की, इसके बाद भी उन्हें कैसे मौका मिल गया। दरअसल रिजेक्ट होने के बाद जब अरुण गोविल की मुलाकात, उस दौरान फिल्ममेकर सूरज बड़जात्या से हुई तो उन्होंने उनसे कहा की वे अपनी मुस्कुराहट का इस्तेमाल करें। इसके बाद जब रामानंद सागर ने दोबारा से अरुण गोविल का लुक टेस्ट लिया था, तो वह उनकी मुस्कुराहट देख तुरंत राजी हो गए थे और उन्होंने रामायण के लिए अरुण गोविल को फाइनल कर लिया था।
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इसके बाद अरुण गोविल के करियर का सितारा ऊंचाइयों तक पहुंचता चला गया। सालों बाद भी पूरे देश में रामायण का जादू कैसे चला था। इसका एग्जांपल हम कोरोना के दौरान लगाए गए लॉकडाउन में ही देख चुके हैं।