Imran Khan PTI protest: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सुरक्षा और सेहत को लेकर देश में सियासी पारा हाई है। 4 नवंबर के बाद से अदियाला जेल में बंद खान से उनके परिवार के किसी सदस्य या वकील को मिलने की इजाजत नहीं मिली, जिससे उनकी हालत को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हो गई हैं। इसी को लेकर मंगलवार को इमरान खान की बहनों और पाकिस्तानी तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के कार्यकर्ताओं ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट और रावलपिंडी की अदियाला जेल के बाहर भारी विरोध प्रदर्शन किया। समर्थकों की माँग थी कि उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री से तुरंत मिलने दिया जाए। स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, इस जबरदस्त विरोध प्रदर्शन के बाद उनकी बहन डॉ. उजमा खातून को मुलाकात की अनुमति मिल गई है, जिससे इमरान खान के सही सलामत होने की तस्वीर साफ होने की उम्मीद है।
कोर्ट और जेल के बाहर जबरदस्त हंगामा
PTI कार्यकर्ताओं, सांसदों और नेताओं की भारी भीड़ इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बाहर जुटी, जहाँ उन्होंने सरकार विरोधी नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि जब तक इमरान खान की बहनों को उनसे मिलने की इजाजत नहीं मिलती, वे वहाँ से नहीं हटेंगे।
अदियाला जेल के बाहर भी इमरान खान की तीनों बहनों—अलीमा खान, नूरीन खान और आजमी खान—ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया। लगातार मुलाकात न होने के कारण उनके शक को बल मिल रहा था। प्रदर्शनों के बाद जेल प्रशासन ने डॉ. उज्मा खान को अंदर बुलाया, जहाँ वह इमरान खान से मुलाकात कर रही हैं। हालाँकि, उनकी अन्य बहनों को फिलहाल मुलाकात की इजाजत नहीं मिली है।
अदियाला जेल किले में तब्दील, ‘शूट एट साइट’ के आदेश
विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए अदियाला जेल परिसर के आसपास सुरक्षा अभेद्य कर दी गई है। जेल तक जाने वाले सभी रास्तों को कंटेनरों और ट्रकों से ब्लॉक कर दिया गया है, और हर मार्ग पर पुलिस तथा रेंजर्स की भारी तैनाती है। रावलपिंडी में धारा 144 लागू कर दी गई है, जो किसी भी तरह की भीड़ या रैली पर प्रतिबंध लगाती है।
स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रशासन ने ‘शूट एट साइट’ (देखते ही गोली मारने) के आदेश जारी किए हैं, जिसका मतलब है कि हिंसा या तोड़फोड़ की स्थिति में सुरक्षा बल सीधे गोली चला सकते हैं। पेशावर में भी प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए ऐसे ही आदेश लागू किए गए हैं। इन कड़े प्रतिबंधों के बावजूद, PTI समर्थक बड़ी संख्या में जेल के बाहर मौजूद हैं और नारेबाजी कर रहे हैं।
राजनीतिक घटनाक्रमों का दौर
पुत्र का बयान: इससे पहले, Imran Khan के बेटे ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में आशंका जताई थी कि उनके पिता के साथ शायद कुछ ऐसा हुआ है, जिसे बदला नहीं जा सकता है, इसलिए हुकूमत किसी को मिलने नहीं दे रही है।
सरकार बर्खास्तगी की चर्चा: इस विरोध प्रदर्शन के बीच यह खबर भी जोर पकड़ रही है कि खैबर पख्तूनख्वा में इमरान खान की पार्टी की सरकार को बर्खास्त कर राज्यपाल शासन लागू किया जा सकता है। इसका कारण खैबर पख्तूनख्वा के सीएम सोहेल अफरीदी का इमरान को रिहा करने के प्रदर्शन में सक्रिय रहना बताया जा रहा है।
बहन की याचिका खारिज: हाल ही में, पाकिस्तान की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने Imran Khan की बहन अलीमा खान की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने नवंबर 2024 के विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए अपने खिलाफ आतंकवाद रोधी कानून के तहत लगे आरोपों को हटाने का अनुरोध किया था।










