लोगों का कहना है कि इस काले जादू के चलते गांव के करीब 40 लोगों की जान जा चुकी है। अर्जुन को कई बार पंचायत में बुलाकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया, लेकिन उसने कभी भी पंचायत की बात नहीं मानी। जब गांव में जादू-टोने का मुद्दा फिर उठा, तो अर्जुन और गांव के एक अन्य गुट के बीच विवाद हो गया। इस विवाद ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें अर्जुन, गोविंद और धूप की मौत हो गई। गांव के शख्स के मुताबिक, अर्जुन सिंह पिछले 7-8 सालों से जादू-टोना कर रहा था। अगर उसका किसी से झगड़ा होता, तो वह तंत्र-मंत्र का सहारा लेकर उन्हें बीमार कर देता, जिससे उनकी मौत हो जाया करती थी। इस वजह से गांव वाले बहुत परेशान थे।
गांव वालों का कहना है कि जब भी कोई बीमार पड़ता और उसे झाड़-फूंक के लिए दूसरे गांव में ले जाया जाता, तो वहां के तांत्रिक बताते कि उनके ही गांव में काला जादू किया गया है और हर बार अर्जुन का नाम सामने आता था। गांव वालों ने कई बार अर्जुन, उसके बेटे गोविंद और उनके साथी ध्रुव सिंह को पंचायत में आकर अपनी सफाई देने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी। धीरे-धीरे गांव वालों का गुस्सा बढ़ता गया। 8 अगस्त को जब एक और व्यक्ति बीमार हुआ और झाड़-फूंक करने वाले ने फिर से अर्जुन का नाम लिया, तो गांव वालों का गुस्सा भड़क उठा।
धूप सिंह की 2 पत्नियां हैं। इस घटना को लेकर पहली पत्नी ने कहा, उसका पति बाहर से जादू-टोना सीखकर आया था और गांव वालों को –दू टोने से बीमार कर देता था, जिससे उनकी मौत हो जाती थी। इसी कारण गांव वालों ने उसे मार डाला। वहीं, दूसरी पत्नी ने कहा, कि उनके पति को केवल शक के आधार पर मारा गया। उनका दावा है कि उनके पति जादू-टोना नहीं करते थे और लोगों को गलतफहमी थी।
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एडिशनल एसपी आरती सिंह ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। अब तक छह गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। यह मामला पुरानी रंजिश का लग रहा है, जबकि गांव वाले जादू-टोना की बातें कर रहे हैं।