India-China Border : चीन ने एक बार फिर सीमा पर साजिश रचने की तैयारी शुरू कर दी है। लद्दाख से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीनी सेना ने छह नई हेलीस्ट्रिप्स का निर्माण शुरू कर दिया है, जिसका खुलासा सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ है।
ये हेलीस्ट्रिप्स पश्चिमी तिब्बत में बनाई गई हैं और लद्दाख के डेमचोक से इनकी दूरी 100 मील है, जिससे खतरा और भी बढ़ गया है। फिलहाल भारत सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हेलीस्ट्रिप्स को गेयायी नामक क्षेत्र में बनाया जा रहा है, जहां कंस्ट्रक्शन का काम अभी पूरा नहीं हुआ है।
अप्रैल महीने में बननी शुरु हुई हेलीस्ट्रिप्स
हेलीस्ट्रिप्स का निर्माण अप्रैल 2024 में शुरू हुआ था और तस्वीरों से पता चलता है कि यहां छह हेलीस्ट्रिप्स बनाई जा रही हैं, जिसका मतलब है कि यहां एक समय में आधा दर्जन से एक दर्जन हेलीकॉप्टर तैनात किए जा सकते हैं। ये हेलीस्ट्रिप्स लद्दाख के डेमचोक से 100 मील और उत्तराखंड के बाराहोती से 120 मील दूर हैं। डेमचोक भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच एक संघर्ष क्षेत्र रहा है।
चीन की सेना अक्सर एलएसी के पास हेलीपैड या निर्माण कार्य करती रहती है। पिछले कुछ वर्षों में, इसने इस क्षेत्र में कई सड़कों का निर्माण भी किया है। भारत ने लद्दाख से सटे चीनी क्षेत्रों पर अपनी निगरानी बढ़ा दी है और 2020 में गलवान घाटी में झड़प के बाद भारतीय सेना की तैनाती भी बढ़ाई है। साथ ही, चीन से निपटने के लिए सड़कों का मजबूत जाल और आधुनिक हथियारों की तैनाती भी शुरू की है।यह पहली बार नहीं है जब चीन की गतिविधियों का खुलासा हुआ है।
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सैटेलाइट में तस्वीरें हुई कैद
जुलाई में खबर आई थी कि चीन की सेना ने पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के पास खुदाई की थी, जिसे अंडरग्राउंड बंकर बनाने के लिए माना जा रहा था, ताकि हथियारों, ईंधन और गाड़ियों को स्टोर करने के लिए एक मजबूत शेल्टर तैयार किया जा सके। सैटेलाइट तस्वीरों से यह जानकारी भी प्राप्त हुई थी कि जिस इलाके में बंकर बनाया जा रहा था, वह मई 2020 से खाली पड़ा हुआ था। चीन का सिरजाप बेस भी इस क्षेत्र में स्थित है, जहां उन चीनी सैनिकों के ठहरने की व्यवस्था की गई है जो पैंगोंग झील के आसपास तैनात किए जाते हैं। सिरजाप बेस का निर्माण 2021-22 में किया गया था और यहां हथियारों को स्टोर करने के लिए अंडरग्राउंड बंकर भी बनाया गया था।