India e-passport: भारत ने आखिरकार अत्याधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से लैस ई-पासपोर्ट को रोलआउट कर दिया है, जो देश के यात्रा दस्तावेज़ सिस्टम में एक बड़ा बदलाव ला रहा है। यह नेक्स्ट-जेनरेशन पासपोर्ट रेडियो फ़्रीक्वेंसी आइडेंटिफ़िकेशन (RFID) चिप के साथ आएगा, जिसमें उपयोगकर्ता के एन्क्रिप्टेड बायोमैट्रिक्स और व्यक्तिगत विवरण सुरक्षित रूप से स्टोर होंगे। यह हाई-टेक अपग्रेड इमिग्रेशन काउंटरों पर वेरिफिकेशन के समय को काफी कम कर देगा, जिससे अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए प्रक्रिया तेज़ और ज़्यादा सुरक्षित हो जाएगी।
विदेश मंत्रालय (MEA) इस रोलआउट के साथ पासपोर्ट फ्रॉड पर लगाम लगाने और नागरिकों को बेहतर सेवा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। सरकार की योजना जून 2025 तक पूरी तरह से ई-पासपोर्ट सिस्टम पर ट्रांजिट करने की है, जिसमें अब जारी होने वाले सभी नए पासपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक ही होंगे।

हाई-टेक सिक्योरिटी और पुराने पासपोर्ट का भविष्य
नया India e-passport इंटरनेटलॉकिंग माइक्रोलेटर्स और रीलिफ टिंट्स जैसे कटिंग-एज सिक्योरिटी फीचर्स से लैस है, जो इसकी सुरक्षा को अभेद्य बनाते हैं। RFID चिप में संग्रहीत एन्क्रिप्टेड बायोमैट्रिक्स डेटा (जैसे फोटो और फिंगरप्रिंट) और कॉन्टैक्टलेस डेटा रीडिंग क्षमताएँ, पासपोर्ट में धोखाधड़ी (फ्रॉड) और छेड़छाड़ (टेम्परिंग) के मामलों को प्रभावी ढंग से कम करेंगी।
विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह नया सिस्टम उन मामलों को तुरंत पहचान लेगा जहाँ किसी व्यक्ति के पास एक से अधिक पासपोर्ट हैं, जिससे पासपोर्ट फ्रॉड को रोकना आसान हो जाएगा।
पुराने पासपोर्ट धारकों के लिए राहत की बात यह है कि उनके मौजूदा नॉन-इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट उनकी एक्सपायरी डेट तक वैध बने रहेंगे। सरकार की योजना के अनुसार, जून 2025 तक चरणबद्ध तरीके से पूरे सिस्टम को ई-पासपोर्ट में बदला जाएगा। इस बदलाव का मतलब है कि पुराने पासपोर्ट की वैधता खत्म होने पर नवीनीकरण (renewal) के दौरान उन्हें ई-पासपोर्ट से बदल दिया जाएगा।
बेहतर सेवा के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग
पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम वर्जन 2.0 (PSP V2.0), जो मई 2025 में शुरू हुआ, और ग्लोबल वर्जन (GPSP V2.0), जो अक्टूबर 2025 में लॉन्च हुआ, इस अपग्रेड का आधार हैं। देश भर में अब 37 क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालयों, 93 पासपोर्ट सेवा केंद्रों, और 451 डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्रों के माध्यम से सेवाएं दी जा रही हैं।
यह उन्नत सिस्टम नागरिकों को बेहतर पासपोर्ट अनुभव प्रदान करने के लिए AI चैटबॉट और वॉयस बॉट एप्लिकेशन के साथ आएगा। बेहतर सुरक्षा और आसान डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए इसमें DigiLocker, Aadhaar, और PAN जैसी सेवाओं के साथ भी इंटीग्रेशन की सुविधा होगी, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग किया जाएगा। अब तक, मंत्रालय भारत में 80 लाख से अधिक और विदेशी मिशनों के माध्यम से 60,000 से अधिक ई-पासपोर्ट जारी कर चुका है, जो इस व्यापक बदलाव की गति को दर्शाता है।


