IndiGo flights cancelled: इंडिगो एयरलाइंस को लगातार तीसरे दिन बड़े परिचालन संकट (ऑपरेशनल क्राइसिस) का सामना करना पड़ रहा है। पायलटों और केबिन क्रू की कमी के चलते 4 दिसंबर को 170 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गईं, जिनमें अकेले मुंबई में 85, दिल्ली में 30 और हैदराबाद में 33 उड़ानें शामिल हैं। इस अभूतपूर्व व्यवधान ने हजारों यात्रियों को मझधार में छोड़ दिया है। कई यात्री एयरपोर्ट पर रात काटने को मजबूर हैं, जबकि एयरलाइन काउंटर पर री-बुकिंग और रिफंड की सुविधाओं के लिए भी लंबी कतारें लगी हैं।
स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने इंडिगो को नोटिस जारी कर इस विफलता का विस्तृत जवाब मांगा है और यात्रियों को उचित मुआवजा देने का निर्देश दिया है। एयरलाइन ने उम्मीद जताई है कि 5 दिसंबर तक परिचालन सामान्य हो जाएगा।
संकट की मुख्य वजहें और यात्रियों की दुर्दशा
पिछले तीन दिनों में रद्द हुई उड़ानों की कुल संख्या 600 के पार जा चुकी है। विमानन क्षेत्र के सूत्रों के मुताबिक, इस बड़े संकट की मुख्य वजह फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के चलते ड्यूटी रोस्टर में आई गड़बड़ी और अचानक बड़ी संख्या में पायलट्स का बीमार पड़ना है।
यात्री दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और कोलकाता जैसे बड़े एयरपोर्ट्स पर घंटों से इंतजार कर रहे हैं। ड्यूटी रोस्टर में गड़बड़ी और स्टाफ की कमी के चलते एयरलाइन के काउंटर पर भी अफरा-तफरी का माहौल है। कई यात्रियों को निराश होकर अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी है। यह कमी उस समय सामने आई है जब यात्रियों का मौसमी आवागमन (सीज़नल ट्रैवल) अपने चरम पर है।
DGCA का कड़ा रुख और कंपनी का बयान
इस व्यापक ऑपरेशनल विफलता पर DGCA ने सख्त रुख अपनाया है। महानिदेशालय ने इंडिगो को नोटिस जारी कर तीन दिनों में इतनी बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द करने के कारणों का विस्तृत जवाब मांगा है। DGCA ने साफ किया है कि यात्रियों को हुई परेशानी के लिए एयरलाइन जिम्मेदार है और उसे नियमानुसार मुआवजा देना होगा।
जवाब में, IndiGo ने एक बयान जारी करते हुए तकनीकी खराबी, खराब मौसम, स्लो नेटवर्क, और क्रू मेंबर्स के शिफ्ट चार्ट से जुड़े नए नियमों को ऑपरेशन पर बुरे असर का कारण बताया है। कंपनी ने कहा है कि इन समस्याओं का पहले से अनुमान लगाना संभव नहीं था और उसे पूरी उम्मीद है कि 5 दिसंबर तक हालात सामान्य हो जाएंगे।





