नई दिल्ली। भारत की रिटेल महंगाई दर (Inflation Rate) पिछले 4 महीने का उच्चतम स्तर पर बढ़कर, दिसंबर में 5.69 फीसदी हो गई है। गौरतलब है भारत की रिटेल महंगाई दर सिंतबर में 5.02 फीसदी थी। जबकि यह नवंबर में 5.55 फीसदी और अक्टूबर में 4.87 फीसदी थी। जानकारों के मुताबिक खाने-पीने के सामान की कीमतें बढ़ने से महंगाई बढ़ी है।
सितंबर के बाद बड़ी वृद्धि
नवंबर की तरह दिसंबर में भी सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली। आंकड़ों के अनुसार नवंबर में सब्जियों की महंगाई दर 17.7 फीसदी से बढ़कर 27.64 फीसदी हो गई। दूसरी ओर, ईंधन और बिजली की दरों में कमी आई है। दिसंबर में यह सिमटकर -0.99फीसदी हो गई। पहले यह नवंबर में -0.77 फीसदी थी। दिसंबर में खाद्य महंगाई दर 8.70 फीसदी से बढ़कर 9.53 फीसदी, ग्रामीण महंगाई दर 5.85 फीसदी से बढ़कर 5.93 फीसदी और शहरी महंगाई दर 5.26 फीसदी से बढ़कर 5.46 फीसदी हो गई ।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक मंहगाई दर
- अप्रैल – 4.70%
- मई –4.25%
- जून –4.81%
- जुलाई-7.44%
- अगस्त-6.83%
- सितंबर-5.02%
- अक्टूबर -4.87%
- नवंबर- 5.55%
- दिसंबर-5.69%
ये भी पढ़ें : पहले 2 टेस्ट के लिए टीम इंडिया का ऐलान, जानिए किसे मिला मौका
महंगाई कैसे बढ़ती-घटती है
महंगाई प्रोडक्ट की डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है। जब चीजें खरीदने से चीजों की डिमांड बढ़ती है और डिमांड के मुताबिक उसका सप्लाई नहीं हो पाता है तो उसकी कीमतें बढ़ जाती है। इसके विपरीत घटना पर महंगाई घटती हैलोगों द्वारा खरीद और बिक्री के आधार पर ही महंगाई दर ( Inflation Rate) तय होती है। आसान भाषा में कहें तो लोगों के पास पैसे ज्यादा होंगे तो वे ज्यादा चीजें खरीदेंगे और पैसे कम होने पर इसकी कमी होगी। जिसका असर बाजार पर होता है।