Gurugram Living Cost: गुरुग्राम (गुड़गांव) में बसने का सपना देखने वालों के लिए हाल ही में एक रियल एस्टेट विशेषज्ञ की राय ने इंटरनेट पर बहस छेड़ दी है। पूर्व बैंकर और रियल एस्टेट बिजनेसमैन समीर सिंघई के अनुसार, यह ‘मिलेनियम सिटी’ औसत आय वाले परिवारों के लिए नहीं बना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी परिवार की संयुक्त मासिक आय ₹2.5 लाख से ₹3 लाख के बीच नहीं है, तो गुरुग्राम उनके लिए एक सही विकल्प नहीं हो सकता। सिंघई का तर्क है कि इस शहर का ढांचा ही बहुत उच्च आय वर्ग और समृद्ध वित्तीय पृष्ठभूमि वाले लोगों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यहाँ रहना केवल एक जरूरत नहीं, बल्कि एक भारी आर्थिक निवेश और विलासिता का प्रतीक बन चुका है।
गुरुग्राम का ‘एलीट’ रियल एस्टेट मॉडल
समीर सिंघई ने लिंक्डइन पर साझा किए गए अपने विश्लेषण में बताया कि गुरुग्राम का प्रॉपर्टी बाजार किसी गलती का नतीजा नहीं, बल्कि एक सोची-समझी आर्थिक रणनीति है। उनके अनुसार, यह शहर भारत के अन्य शहरों की तरह ‘जनसंख्या’ के आधार पर नहीं, बल्कि ‘क्रय शक्ति’ (Purchasing Power) के आधार पर चलता है।
Gurugram में घरों की मांग मुख्य रूप से निम्नलिखित श्रेणियों से आती है:
सीनियर प्रोफेशनल्स और CXOs: बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों के उच्च अधिकारी।
स्टार्टअप फाउंडर्स: वे युवा उद्यमी जिनकी संपत्ति करोड़ों में है।
एनआरआई और विदेशी निवेशक: जो डॉलर और पाउंड में निवेश करते हैं, जिससे स्थानीय मंदी का असर कम होता है।
यहाँ रहने के लिए ‘चेकलिस्ट’
विशेषज्ञ ने उन शर्तों का भी जिक्र किया जो गुरुग्राम में एक सम्मानजनक जीवन जीने और घर खरीदने के लिए जरूरी हैं:
दोहरी आय: पति-पत्नी दोनों का कामकाजी होना अनिवार्य है, जिनकी संयुक्त आय ₹5 लाख प्रति माह तक हो।
मजबूत बचत: बैंक खाते में कम से कम ₹80 लाख से ₹1 करोड़ की लिक्विड सेविंग्स होनी चाहिए।
भारी कर्ज लेने की क्षमता: व्यक्ति ₹3 करोड़ से ₹5 करोड़ तक का होम लोन चुकाने की स्थिति में हो।
पारिवारिक बैकअप: आपातकालीन स्थिति में माता-पिता या परिवार से वित्तीय सहायता की उपलब्धता।
मंदी के नियमों से परे है यह शहर
सिंघई का मानना है कि जब देश के अन्य हिस्सों में प्रॉपर्टी बाजार गिरने की खबरें आती हैं, तो गुरुग्राम अक्सर उनसे अछूता रहता है। इसकी वजह यहाँ की भौगोलिक सीमाएं और उच्च मांग है। जमीन सीमित है और खरीदार ऐसे लोग हैं जिनकी कमाई वैश्विक स्तर पर स्थिर है। यही कारण है कि यहाँ के रीसेल मार्केट (पुराने घरों का बाजार) में भी कीमतें कभी कम नहीं होतीं।
निष्कर्ष के तौर पर, Gurugram अब केवल एक रिहायशी इलाका नहीं, बल्कि उच्च आय वर्ग के लिए एक ‘एक्सक्लूसिव क्लब’ जैसा बन गया है। यदि आपके पास भारी बचत और ठोस मासिक आय नहीं है, तो यहाँ घर खरीदना एक वित्तीय बोझ बन सकता है।










