लखनऊ। साल 2005 में यूपी के नोएडा से एक बड़े कांड का खुलासा हुआ था. इस दर्दनाक कांड के बाद साल 2005-06 में पूरी मानवता शर्मसार हुई थी. दरअसल ये मामला यूपी के नोएडा में स्थित ग्राम निठारी का था, जिससे इसका नाम निठारी कांड पड़ा. सीबीआई जांच के बाद इस कांड के आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी. लेकिन अब करीब 17 साल बाद पूरी दुनिया को हिलाकर रख देने वाले बहुचर्चित निठारी कांड के आरोपियों को लेकर एक बड़ा फैसला आया है. कोर्ट के फैसले में मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को बड़ी राहत देते हुए फांसी की सजा माफ कर दी है.
रेप करके हत्या करने का आरोप
बता दें कि साल 2005-06 में हुए निठारी कांड ने सभी को हैरान कर दिया था. ये पूरा मामला नोएडा के सेक्टर 30 में स्थित कोठी नंबर डी 5 का था, जिसमें रहने वाले उद्योगपति मोनिंदर सिंह पंढेर और उनके नौकर सुरेंद्र कोहली पर छोटी बच्चियों और महिला का रेप करके हत्या करने आरोप लगा था. उनके शव के टुकड़े-टुकड़े करके नालों में फेंकने का भी आरोप लगा था. उस समय ये भी चर्चा हो रही थी कि कईयों के शवों को कोठी में ही दफन करवाया गया था.
2006 से जेल में बंद हैं आरोपी
पूरा मामला सामने आने के बाद इस केस की सीबीआई जांच करवाई गई और दोनों दोषियों को साल 2006 में गाजियाबाद की डासना जेल भेज दिया गया था. दोनों उस समय से उसी जेल में हैं. इसके बाद दोनों ने खुद को निर्दोष बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, वकील की दलीलों पर लंबी बहस के बाद हाईकोर्ट के खंडपीठ ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था. वहीं 16 सितबंर को फैसला सुनाते हुए फांसी की सजा को रद्द कर दिया गया.
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अदालत में वकील ने दी ये दलील
गौरतलब है कि निठारी कांड के आरोपियों पंढेर और कोली के वकील ने बताया कि कोली को 14 मामलों में और पंढेर को 2 मानलों में सजा सुनाई गई थी. दोषी करार दिए जाने के बाद आरोपियों ने इलाहाबाद उच्च न्यायाल में सजा के खिलाफ अपील की, जिसमें उनकी तरफ से ये तर्क दिया गया कि इस केस में कोई चश्मदीद गवाह नहीं था. सिर्फ वैज्ञानिक और पारिस्थितिक साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुनाया गया.