पैरों में प्लास्टर, कान पकड़कर माफी… यूपी में ‘ऑपरेशन व्हीलचेयर’ से थर-झर कांप रहे अपराधी

सीएम योगी आदित्यनाथ के अब आपरेश्न ‘‘व्हील चेयर’’ से अपराधी थर-थर कांप रहे है, पुलिस के आगे हाथ जोड़कर अपराध ना करने की तौबा कर रहे है, दरअसल कुशीनगर से रईसज़ादों की ऐसी तस्वीरें सामने आई है, जिसमें वो व्हील चेयर पर बैठकर लोगो से हाथ जोड़-जोड़ कर ना केवल माफी मांग रहे है बल्कि प्रदेश की बेटियों को अपनी बहन बता रहे है। कुशीनगर ने मनचलों का ऐसा इलाज बांध दिया कि अपने पैरों पर भी खड़े होने लायक नहीं रहे।

Kushinagar

Kushinagar: भयमुक्त उत्तर प्रदेश का नारा यूं तो दशकों से यूपी की सियासत में तमाम पार्टियां समय समय पर देती रहीं, लेकिन भयमुक्त उत्तर प्रदेश के सपने सच कर दिखाया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने, 2017 से पहले एक समय था जब यूपी पुलिस माफियों को सलाम ठोकने उनके दरबार में हाजिरी लगाती थी और एक समय आज है कि जब प्रदेश की पुलिस अपराधियों को पाताल से भी ढूंढकर निकाल लाती है।

योगीराज में यूपी पुलिस का इकबाल बुलंद हुआ, हालाकि ऐसा नहीं है कि पहले पुलिस में ये सब करने की हिम्मत नहीं थी, लेकिन प्रदेश को पहले योगी आदित्यनाथ जैसा सीएम नहीं मिला, जिन्होंने प्रदेश में अपराध और अपराधी पर नकेल कसने के लिए फ्री हैंड कर दिया।

व्हील चेयर पर हाथ जोड़े बदमाश, कर रहे गुनाहों से तौबा

कुशीनगर (Kushinagar) में से जो तस्वीरें सामने आई, उसके बाद मनचलों में खलबली मच गई, दरअसल कुशीनगर में पश्चिम बंगाल से आई दो डांसर्स के अपहरण ओर रेप के दो आरोपी रईसज़ादों को गिरफ्तार कर लिया, पुलिस ने मनचलों का ऐसा इलाज बांधा कि दोनो व्हील चेयर पर आ गए, यानि अपने पैरों पर खड़े होने के लायक भी नहीं रहे, अब दोनो आरोपी कान पकड़कर माफी मांग रहे है, लोगो के सामने गिडगिडा रहे है, अपराध ना करने की तौबा कर रहे है।

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योगी के ऑपरेशन से क्रिमिनल का हो रहा इलाज

याद रहे कि पहले ही सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ कह चुके हैं कि बहनो की इज्जत के साथ खिलवाड़ किया तो अगले चैराहे पर यमराज खडे मिलेंगे। इसके अलावा मनचलों पर लगाम लगाने के लिए यूपी पुलिस का आपरेश्न मजनू चल रहा है जबकि गो-तस्करों पर भी नकेल कसी गई।

भू-माफियाओं की अवैध संपत्ति को कुर्क करने के लिए आपरेश्न जिराफ, शहरों की निगरानी बढ़ाने के लिए आपरेश्न दृष्टि, संगीन अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए आपरेश्न त्रिनेत्र, आपरेश्न लंगड़ा के जरिए मुठभेड़ में बदमाशों के पैरों में पुलिस की गोली लगी और ऑपरेशन कन्विकशन में 30 दिन के भीतर क्रिमिनल को सज़ा दिलाई गई।

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