नई दिल्ली। (Mayawati in politics) भारत की राजनीति एक ऐसी गूढ़ रहस्य है, जहां कब किसकी जीत होगी और कौन होगा जो जीत कर भी सत्ता से वंचित रह जाएगा इसको लेकर किसी पर प्रकार की सटीक भविष्यवाणी करना राजनीति की समझदारों के लिए पहेलियां बुझने जैसा हैं।
4 बार बनी मुख्यमंत्री
देश के आजादी बाद के भारत ने लोकतांत्रिक शासन पद्धति को चुना और फिर आजादी के सिर्फ 75 सालों में एक से बढ़कर एक ऐसे राजनीतिक घटना का साक्षी बनता रहा जिससे यह लोकतंत्र का पर्याय बनता रहा। इन्ही घटनाओं में हैं राजनीति की दृष्टिकोण से देश के सबसे बड़े राज्य की एक दलित महिला का मुख्यमंत्री बन जाना। वो भी एक दो बार नहीं बल्कि 4-4 बार।
दलितों का प्रतिनिधित्व कर रही Mayawati
आए जानते हैं एक दलित लड़की के मुख्यमंत्री बनने की वो राजनीतिक किस्से जिसे खुद उस दलित महिला ने बुना। वो भी ऐसे वक्त में जब किस्से सिर्फ और सिर्फ बड़े और नाम चीन किरदारों के केंद्र में गढ़े जाते थे। जातिगत समीकरण को साधने की पूरी कोशिश तो की जाति थी,मगर इसका ध्यान खूब रखा जाता था की पिछड़ी और दलित जाति की राजनीतिक भागीदारी कम रहें। इस बात का भी खूब ध्यान रखा जाता रहा कि इन जातियों और समुदाय के लोगों की राजनीतिक दूरियाँ जितनी ज्यादा किया जा सके उतना बेहतर रहेगा।
दलितों की राजनीति में बड़ा चेहरा है Mayawati
ऐसे परिस्थिति में भी एक एक दलित जाति का राजनेता और वो भी एक महिला का राजनीति में पदार्पण दिन में सपने देखने जैसा था। लेकिन इस सपने को उसने ना सिर्फ पूरा किया, बल्कि उसने इसे जिया भी। और दलितों की नुमाइंदगी का दावा करने वाले राजनीतिक दुकानदारों की दुकाने बंद करवा दी। हम बात कर रहें हैं, देश के उत्तर प्रदेश की 4 बार की मुख्यमंत्री और दलितों का सबसे बड़ा चेहरा, बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन मायावती की। जिन्होंने देश की राजनीति में लंबे समय से दलितों की प्रतिनिधित्व कर रही हैं।
Mayawati की शिक्षा
- 1975 – कालिंदी विमेंस कॉलेज एवं विधि संकाय, दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी बी ए की शिक्षा
- 1976 – वीएमएलजी कॉलेज, गाजियाबाद से बीएड की डिग्री
- 1983 – दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री
Mayawati in politics : राजनीति करियर
- 1984 – कांशीराम और मायावती ने संयुक्त रूप से बहुजन समाज पार्टी बनायीं। पार्टी ने पहली बार देश के नौवीं लोक सभा चुनाव में भाग लिया था
- 1989 – बिजनौर जिले से सांसद चुनी गई। मायावती ने 8879 मतों के अंतर से अपने प्रतिद्वंदी को हराया।
- 1994 – राज्यसभा की सदस्य बनी
- 1995 – पहली बार देश में कोई महिला दलित मुख्यमंत्री बनी। मायावती राज्य की मुख्यमंत्री चुनी गई।
- 1996 -1998 उत्तरप्रदेश विधानसभा में एक विधायक निर्वाचित हुई। हरौरा निर्वाचन क्षेत्र 2515 मतों के अंतर से जीत हासिल की।
- 1997- दूसरी बार प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी
- 1998 – बारहवीं लोकसभा के सदस्य चुनी गयी
- 1999 – 53,386 मतों के विजयी अंतर से तेरहवीं लोकसभा की सदस्य बनी
- 2001- बहुजन समाज की एकमात्र वारिस, पार्टी के संस्थापक ने इसकी घोषणा की
- 2002- उत्तर प्रदेश विधानसभा निर्वाचित हुई और फिर अकबरपुर लोकसभा सीट से इस्तीफा दे तीसरी बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी।
- 2003 – बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनी।
- 2004 – अकबरपुर सीट से चौदहवीं लोकसभा के लिए चुनी गयीं मगर लोकसभा से इस्तीफा दे दूसरी बार राज्य सभा की सदस्य बनी।
- 2006 – वह दूसरी बार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित की गयी।
- 2007 – मायावती चौथी बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी। इस वर्ष वो उत्तर प्रदेश की विधान परिषद के सदस्य के रूप में भी निर्वाचित की गयी।
- 2012 -उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव हार गई लेकिन राज्यसभा के लिए चुनी गई ।
- 2014-उत्तर प्रदेश में लोकसभा की अधिकतम सीटें जीतने कआ सपना टूटा, पार्टी को एक भी सीट नही मिली
- 2017- बहुजन समाज पार्टी विधानसभा चुनाव में 403 में से सिर्फ 19 सीटें जीतीं।
- 2018 – मायावती ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
उपलब्धियां और पुरस्कार
- मुख्यमंत्री के रूप में मायावती को यूनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन और रोटरी इंटरनेशनल द्वारा वर्ष 2003 में पॉल हैरिस फेलो पुरस्कार’ से सम्मानित किया था ।
- राजर्षि शाहू मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा ‘राजर्षि शाहू पुरस्कार’ से मायावती को सम्मानित किया गया।
- 2007 में टाइम पत्रिका ने भारत की 15 सबसे प्रभावशाली सूची में मायावती को भी शामिल किया था।
- फोर्ब्स पत्रिका ने 2008 में मायावती को दुनिया की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में 59 वें स्थान पर रखा।
सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री
बसपा प्रमुख Mayawati के नाम उत्तरप्रदेश में सबसे अधिक 4 बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड है।
- 1995 में पहली बार उत्तर प्रदेश की मुखिया बनी।
- 1997- दूसरी बार मुख्यमंत्री बनी
- 2003-तीसरी बार प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी।
- 2007 – मायावती ने राज्य की 403 विधानसभा सीटों में से 206 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत में आयी और चौथी बार मायावती मुख्यमंत्री बनी।
लोकसभा में पार्टी का प्रदर्शन
लोकसभा 2024 में पार्टी सभी सीटों पर अकले चुनाव लड़ रही हैं। पिछले लोकसभा में बीएसपी ने यूपी के 10 सीटों पर सफलता मिली थी। लोकसभा में बीएसपी का प्रदर्शन
- 1989 – नौंवीं लोक सभा- 245 सीटों पर लड़ी 4 सीटों पर सफलता मिला
- 1991- दसवीं लोक सभा -231 सीटों पर लड़ी 3 सीटों पर सफलता मिला
- 1996 -ग्यारहवीं लोक सभा -210 सीटों पर लड़ी 11 सीटों पर सफलता मिला
- 1998 – बारहवीं लोक सभा -251 सीटों पर लड़ी 5 सीटों पर सफलता मिला
- 1999 – तेरहवीं लोक सभा-225 सीटों पर लड़ी 14 सीटों पर सफलता मिला
- 2004 – चौदहवीं लोकसभा-435 सीटों पर लड़ी 19 सीटों पर सफलता मिला
- 2009 – पंद्रहवीं लोकसभा-500 सीटों पर लड़ी 21 सीटों पर सफलता मिला
- 2014 – सोलहवीं लोकसभा-503 सीटों पर लड़ी एक भी सीटों पर सफलता नही मिला
- 2019 – सत्रहवीं लोकसभा – 383 सीटों पर लड़ी 10 सीटों पर सफलता मिला
2024 में बीएसपी मुकाबले में कहाँ ?
लोकसभा चुनाव के चुनाव परिणामों में भले ही बसपा एक छोटी और कमजोर पार्टी नजर आती हैं लेकिन इस पार्टी का संघर्ष बहुत पुराना है। हार हार कर जीतने की कला इस पार्टी को अच्छे से आती है यही वजह है कि आज भी इसकी पूछ बड़ी पार्टीयों की रहती हैं। चुनाव में दलित वोटों को साधने के लिए पार्टी की जरूरत हर किसी पड़ती हैं। लेकिन इस चुनाव में पार्टी ऐकला चलो के सिद्धांत पर चुनाव लड़ रही हैं। जहां पार्टी ने अपने उम्मीदवार खड़े किये हैं वहाँ मुकाबला त्रिकोणिय हैं।