Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 का पूरे देश में शोर मचा हुआ है और सभी राजनीतिक दलों के बीच एक बड़ा सियासी संग्राम देखने को मिल रहा है। इस बीच अगर लखीमपुर खिरी लोकसभा सीट बात की जाए तो यह सीट उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा क्षेत्रों में से एक है जहां की डेट में पांच विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
आपको बता दें कि पुराने समय में यह जिला खर के वृक्षों से घिरा हुआ था। और ये जगह अपने खास पर्यटन स्थलों के ले भी काफी जानी जाती है। इसके पर्यटन स्थलों में गोला, गोकरनाथछोटी काशी, देवकाली, लिलौटीनाथ और फ्रांस मंदिर कुछ ऐसी जगह हैं जो काफी प्रसिद्ध हैं। अगर देखा जाए तो ये क्षेत्र उत्तर प्रदेश राज्य का क्षेत्रफल की दृष्टी से सबसे बड़ा क्षेत्र है।
‘खीरी’ का इतिहास
‘खीरी’ नेपाल की सीमा से सटा उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है। ‘खीरी’ उत्तर प्रदेश राज्य का एक जिला है इसको लखीमपुर से जोड़ा जाने का एक अपना ही इतिहास रहा है। आपको बता दें कि लखीमपुर खीरी को पहले लख्मीपुर के नाम से जाना जाता था। और पुराने समय में ये पूरा का पूरा जिला खर के पेड़ों से ही घिरा हुआ था।
इसीलिए इसको सिर्फ लखीमपुर न बोलके लखीमपुर खीरी के नाम से ही जाना जाता है क्योंकि यह नाम खर के वृक्षों का ही प्रतीक है। वैसे तो इस जगह का इतिहास काफी उलझा हुआ है लेकिन ऐसा माना जाता है कि यहां कई प्राचीन खंडहर पाए जाते हैं और यहां के कई स्थान ऐसे हैं जो महाभारत के प्रसंगों से जुड़े हुए हैं।
‘खीरी’ का राजनीतिक इतिहास
अगर उत्तर प्रदेश के खीरी लोकसभा के निर्वाचन क्षेत्र की बात की जाए तो इसका भारत की चुनावी राजनीति में अपना ही एक महत्वपूर्ण स्थान है। देखा जाए तो एक समय ऐसा था जब खीरी की संसदीय सीट पर कांग्रेस का दबदबा था यह सीट कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी। खीरी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। जिनमें पलिया, गोकरनाथ, निघासन, गोला, श्री नगर और लखीमपुर खीरी शामिल हैं। इनमें से श्रीनगर की सीट अनुसूचित जाति के लिए रिज़र्व है। 2022 के विधानसभा चुनाव में लखीमपुर खीरी सीट के तहत पालिया, निघासन, गोला गोरखनाथ, लखीमपुर, और श्रीनगर सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को विजय मिली थी। 2017 के चुनाव में भी बीजेपी ने इन पांच सीटों पर सफलता प्राप्त की थी।
2019 में खीरी संसदीय सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार अजय मिश्रा टेनी द्वारा चुनाव लड़ा गया था। उनके मुकाबले समाजवादी पार्टी ने डॉक्टर पूर्वी वर्मा को उतारा था। अजय मिश्रा को चुनाव में 609,589 वोट मिले, जबकि डॉक्टर पूर्वी वर्मा को केवल 390,782 वोट प्राप्त हुए। अजय मिश्रा ने 218,807 वोटों के अंतर से चुनाव जीता।2014 के आम चुनाव में, मोदी लहर के बीच बीजेपी को खीरी सीट पर भी लाभ हुआ। अजय मिश्रा ने 37 फीसदी वोट हासिल किए, जिससे उन्होंने बसपा के अरविंद गिरी को 1,10,274 मतों के अंतर से हराया। बाद में अरविंद गिरी ने बीजेपी में शामिल होकर 2022 में विधायक चुनाव लड़ा और जीत लिया। वहीं, मायावती की पार्टी बसपा को खीरी सीट पर अब तक कोई सफलता नहीं मिली है।
‘खीरी’ का जातीय समीकरण
लखीमपुर खीरी के जातीय समीकरण की बात की जाए तो यहां करीब 3.25 लाख लाख मुस्लिम आबादी है। और यहां पर 4.25 लाख दलित हैं। जबकि 4.75 लाख ओबीसी समुदाय के लोग हैं। आपको बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले के हैं। और अगर बात की जाए 2014 की तो तब के चुनाव में अगर गणित ठीक नहीं बैठता तो भाजपा के लिए यहां पर अपनी सरकार बनाना मुश्किल हो जाता।
2024 खीरी लोकसभा प्रत्याशी कौन है?
खीरी सामान्य लोकसभा सीट है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी यहां से लगातार दो बार से चुनाव जीत रहे हैं। भाजपा ने तीसरी बार उन्हें मैदान में उतारा है। सपा ने जातीय समीकरण के हिसाब से कुर्मी उम्मीदवार उत्कर्ष वर्मा तो बसपा ने सिख बिरादरी के अंशय कालरा को मैदान में उतारा है। इस लोकसभा चुनाव 2024 के 3 चरण समाप्त हो चुके हैं और आने वाले चरणों का इंतेज़ार किया जा रहा है। ओर 13 मई की तारीख को खीरी की लोकसभा सीट पर चुनाव होना है अब देखना ये होगा कि इस बार कौन बाज़ी मारेगा।









