Lok Sabha Election 2024: देश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान जोरों शोरों से चल रहा है। लेकिन इन तीन चरणों में कई जगह से राजनीतिक दलों ने फर्जी वोटिंग (Fake Voting) का आरोप लगाए हैं। खासकर बुर्के की आड़ में महिलाओं के फर्जी वोट डालने की शिकायत की गई है। शिकायत के बाद चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने कार्रवाई करते हुए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।
मंगलवार को तीसरे चरण (Lok Sabha Election Third Phase) में उत्तर प्रदेश के 12 जिलों मुरादाबाद, संभल, हाथरस, अलीगढ़, आगरा, एटा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, कासगंज, बदायूं और बरेली जिले की 10 लोकसभा सीट संभल, हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला और बरेली में वोटिंग हो रही है।
चुनाव आयोग ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर
संभल, मैनपुरी और फिरोजाबाद समेत कई बूथों पर फर्जी वोटिंग के आरोप में राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी देखने को मिली है। वहीं पहले-दूसरे चरण में भी फर्जी वोटिंग के आरोप लगाए गए। तीसरे चरण में मिली शिकायतों के बाद चुनाव आयोग ने मतदान से संबंधित किसी भी शिकायत को दर्ज करने के लिए एक स्टेट सेंट्रलाइज नंबर 18001801950 और जिला स्तर पर 1950 हेल्पलाइन नंबर को जारी किया है।
794 में से 456 शिकायतें सही (Lok Sabha Election 2024 Fake Voting)
इसके अलावा चुनाव आयोग को 794 ऑनलाइन शिकायतें मिली हैं, जिसमें 456 शिकायतें सही पाई गई और 338 शिकायत गलत पाई गई। साथ ही चुनाव आयोग को मिली इन शिकायतों में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी, नाम में गड़बड़ी शामिल हैं।
बूथ पर महिला कर्मचारी की तैनाती
वहीं, फर्जी मतदान रोकने के लिए हर पोलिंग बूथ पर राजनीतिक दलों के द्वारा पोलिंग एजेंट बनाए जाते हैं, जो स्थानीय लोगों को उनके नाम पता और चेहरे से भली भांति परिचित होते हैं। अगर बुर्के की आड़ में फर्जी वोटिंग की बात करें तो इस बार चुनाव आयोग ने हर पोलिंग बूथ पर कम से कम एक महिला कर्मचारी को तैनात किया है।
50% पोलिंग स्टेशन पर वेबकास्टिंग (Lok Sabha Election 2024)
प्रावधान है कि यह महिला कर्मचारी पर्दे में आने वाले हर वोटर का उसके वोटर आईडी या अन्य पहचान पत्र से मिलान करेगी। चेहरे से पहचान पत्र का मिलान होने के बाद ही किसी मतदाता को वोट डालने की अनुमति दी जाएगी। वहीं फर्जी वोटिंग रोकने के लिए चुनाव आयोग ने 50 फीसदी पोलिंग स्टेशन पर वेबकास्टिंग की भी सुविधा की है, ताकि चुनाव आयोग के अधिकारी कंट्रोल रूम के जरिए निगरानी कर सकें।