Vaastu Shastra : वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का मेन गेट न सिर्फ आपके घर की सुंदरता को बढ़ाता है, बल्कि पॉजिटिव एनर्जी को आकर्षित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. सही दिशा, आकार, और डिजाइन से बना मुख्य द्वार घर में सुख, समृद्धि, और शांति लाने में मददगार होता है. आइए जानते हैं, वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मेन गेट के कुछ महत्वपूर्ण चीजे कौन-सी होनी चाहिए:
दिशा का महत्व
Vaastu Shastra में मेन गेट की दिशा का खास महत्व है. मेन गेट को पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में होना शुभ माना जाता है. ये दिशाएं पॉजिटिव एनर्जी को आकर्षित करती हैं और घर में समृद्धि और शांति लाती हैं. दक्षिण, पश्चिम, या दक्षिण-पश्चिम दिशा में मुख्य द्वार लगाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है.
आकार और डिजाइन
मेन गेट का आकार और डिजाइन भी वास्तु के अनुसार होना चाहिए. द्वार का आकार आयताकार या वर्गाकार होना शुभ माना जाता है. गोल या त्रिकोण आकार का द्वार वास्तु के अनुसार अनुचित माना जाता है. मेन गेट का आकार घर के अनुपात में होना चाहिए – न बहुत छोटा और न बहुत बड़ा.
द्वार की सामग्री
मुख्य द्वार की सामग्री भी महत्वपूर्ण होती है. लकड़ी का द्वार वास्तु के अनुसार सबसे शुभ माना जाता है. यदि लकड़ी के साथ धातु का भी उपयोग किया जाता है, तो यह और भी शुभ हो सकता है, खासकर यदि धातु के फ्रेम उत्तर या पश्चिम दिशा में लगाए गए हों.
दो पत्तों वाला द्वार
वास्तु के अनुसार, मेन गेट पर दो पत्तों वाला द्वार शुभ होता है. यह संतुलन और समृद्धि का प्रतीक है. एक पत्ते वाला दरवाजा वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है, इसलिए इसे लगाने से बचना चाहिए.
साफ-सफाई और सजावट
मेन गेट के आस-पास हमेशा साफ-सफाई रखनी चाहिए. इसके अलावा, शुभ चिन्ह, जैसे स्वास्तिक, ओम, या मांगलिक प्रतीकों का उपयोग करना पॉजिटिवीटि लाता है. घर का मेन गेट वास्तु शास्त्र के अनुसार बनवाने से घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है.
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