यूपी के लखनऊ एयरपोर्ट पर CISF की वर्दी पहनकर फर्जी CISF कर्मी बन कर घूम रहे एक शख्स को पकड़ा गया है। बताया जा रहा है कि, आरोपी का नाम सचिन कुमार राठौर है। वह हरदोई जिला के धरमपुर अंझी का रहने वाला है। तलाशी के दौरान उसके पास से दो फर्जी ASI पद की I’d कार्ड मिले जिसपर सचिन कुमार राठौर सहायक उप निरीक्षक लिखा हुआ था। आरोपी शख्स की संदिग्ध परिस्थितियों पर नजर रखते हुए CISF कर्मियों ने ही उसे पहचान लिया और पूछताछ कर लखनऊ के सरोजिनी नगर पुलिस के हवाले कर दिया।
संदिग्ध व्यक्ति की जानकारी सीनियर ऑफिसर्स को दी गई
जानकारों का कहना है कि, दोपहर लगभग 2:30 बजे एक संदिग्ध व्यक्ति, की ASI पद की वर्दी पहनकर डोमेस्टिक एयरपोर्ट के टर्मिनल एलाइटिंग पॉइंट के इर्द गिर्द और सिटी साइड एरिया में घूम रहा था। जिस पर संदेह होने पर असली CISF के स्टाफ ने पूछताछ की तो वो एकदम हैरान रह गया, और घबरा गया आरोपी के हाव भाव से असली कर्मियों ने भांप लिया कि यह बहरूपिया है, जिसकी जानकारी तुरंत डोमेस्टिक एयरपोर्ट पर तैनात कर्मियों ने अपने सीनियर ऑफिसर्स को दी। जिसके बाद CISF द्वारा उसे पकड़ कर पूछताछ शुरू की गई।
CISF द्वारा की गई पूछताछ
पूछताछ के दौरान सामने आया कि, आरोपी का नाम सचिन कुमार राठौर है। वह हरदोई जिला के धरमपुर अंझी का निवासी है। तलाशी के दौरान उसके पास से दो फर्जी ASI पद की आईडी कार्ड मिले जिसपर सचिन कुमार राठौर सहायक उप निरीक्षक लिखा गया था। पूछताछ के दौरान संदिग्ध व्यक्ति से CISF से संबंधित सवाल जवाब किए गए लेकिन आरोपी कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। जिसके चलते उसे बरामद सामान के साथ CISF वालों ने सरोजिनी नगर पुलिस के हवाले कर दिया।
गुमराह करने की कोशिश की गई पटीदारों को
वहीं, सरोजनी नगर पुलिस की पूछताछ में यह भी सामने आया है कि,फर्जी CISF कर्मी का उसके गांव में संबधियो से विवाद चल रहा है, जिसको लेकर उसने दबाव और भौकाल बनाने के चक्कर में फर्जी CISF की वर्दी पहनकर एयरपोर्ट पहुंचा था और वहां फोटो खींचकर अपने पटीदारों पर दवाब बनाकर उनको गुमराह करने की कोशिश कर रहा था, ताकि पाटीदारो में उसका और उसके घर वाले का वर्चस्व बन सके, लेकिन उसके मंसूबे पर पानी फिर गया और उससे पहले ही असली कर्मियों ने सचिन को धर दबोचा। बता दें कि,कुछ दिन पहले भी लखनऊ एयरपोर्ट पर फर्जी CISF कर्मी पकड़े गए थे। लखनऊ एयरपोर्ट पर CISF की वर्दी पहनकर फर्जीवाड़ा करने का यह मामला पहली बार नहीं है।