
माधुरी ने बताया कि जब वह करीब 10–12 साल की थीं, उन्होंने अपनी बहन के साथ Mood Indigo में कथक नृत्य प्रस्तुत किया। लेकिन जैसे-जैसे परफॉर्मेंस शुरू हुआ लगभग 15 मिनट के बाद वहां मौजूद कुछ युवाओं ने हूटिंग करना शुरू कर दी और स्टेज पर छोटी-छोटी “रॉकेट” जैसी चीजें फेंकनी शुरू कर दीं।
उन पलों में माधुरी खुद डर गई थीं। उन्होंने कहा, “I got a little scared…” (मैं थोड़ी डर गई थी) लेकिन उनकी बहन ने हिम्मत बांधी , कहा कि हमें ज़मीन पर खड़े रहना है और डांस जारी रखना है। फिर उन्होंने नृत्य पूरा किया।
डर के बीच नृत्य बनाए रखा — फिर भी जीता दिल
शुरुआत में दर्शकों का व्यवहार भले ही हिंसक था, लेकिन उसके बाद माधुरी और उनकी बहन ने अपना नृत्य जारी रखा। धीरे-धीरे माहौल बदल गया, और दर्शकों ने उनकी कला को सराहा। उन्होंने करीब डेढ़ घंटे तक परफॉर्म किया। माधुरी कहती हैं कि इस अनुभव ने उन्हें सीख दी — कि कठिनाइयों के बावजूद डटे रहना और अपनी काबिलियत दिखाना ज़रूरी है।
क्यों है यह अनुभव उनके लिए खास
यह घटना बताती है कि चाहे आप कितनी भी प्रतिभाशाली हों कभी-कभी समाज की प्रतिक्रियाएँ आपको पीछे तक धकेल सकती हैं। फिर भी आत्म-विश्वास से आगे बढ़ा जा सकता है। आज, माधुरी दीक्षित एक सफल अभिनेत्री और डांसर बन चुकी हैं लेकिन उन्होंने जो संघर्ष बचपन में झेला, वह उनकी मेहनत और हुनर की कहानी बताता है।