ब्रेकिंग न्यूज़: नक्सलवाद के खिलाफ ऐतिहासिक मोड़! MMC जोन के नक्सलियों ने सामूहिक सरेंडर की इच्छा जताई, मांगा सीजफायर

महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ (MMC) जोन के नक्सलियों ने सामूहिक रूप से हथियार डालने की इच्छा जाहिर करते हुए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। उन्होंने तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को औपचारिक पत्र भेजकर 15 फरवरी 2026 तक युद्धविराम (सीजफायर) की मांग की है। यह घटना कुख्यात कमांडर माडवी हिडमा के मारे जाने के बाद हुई है और केंद्र सरकार के नक्सल विरोधी अभियान की निर्णायक सफलता मानी जा रही है।

Maharashtra MMC Zone mass surrender: देश में नक्सलवाद के खिलाफ जारी निर्णायक अभियान को आज एक बड़ी सफलता मिली है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ (MMC) स्पेशल जोनल कमेटी के नक्सलियों ने सामूहिक रूप से मुख्यधारा में लौटने की इच्छा व्यक्त करते हुए, इन तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक औपचारिक पत्र भेजा है। यह पहली बार है जब किसी प्रमुख नक्सली जोन ने इतने बड़े पैमाने पर समर्पण की पेशकश की है। नक्सलियों ने शांतिपूर्ण सरेंडर प्रक्रिया शुरू करने के लिए 15 फरवरी 2026 तक सुरक्षाबलों की कार्रवाई रोकने और संवाद स्थापित करने हेतु युद्धविराम की मांग की है।

Maharashtra MMC Zone mass surrender

यह ऐतिहासिक घटनाक्रम कुख्यात कमांडर माडवी हिडमा के खात्मे के ठीक बाद सामने आया है, जिसने नक्सली संगठन को गहरे तक झकझोर दिया है। इस पहल को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सकारात्मक संकेत बताया है, और यह केंद्र सरकार के 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।

MMC जोन के सामूहिक समर्पण का महत्व

MMC जोन (Maharashtra, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ स्पेशल जोनल कमेटी) नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) का एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय गढ़ रहा है। यह जोन बालाघाट (MP), गढ़चिरौली (महाराष्ट्र) और बस्तर (छत्तीसगढ़) जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को कवर करता है। इस जोन के नक्सलियों द्वारा सामूहिक समर्पण की इच्छा जताना दर्शाता है कि केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त सुरक्षा अभियानों, विशेषकर हाल ही में माडवी हिडमा के मारे जाने के बाद, नक्सली नेतृत्व और कैडरों के बीच भारी निराशा और बिखराव है। नक्सलियों ने अपने पत्र में माओवादी विचारधारा को ‘जनविरोधी’ करार दिया है, जो संगठन के मूल विचार के पतन को इंगित करता है।

पत्र में प्रमुख अपील और शर्तें

Maharashtra MMC जोन के सभी सक्रिय नक्सलियों ने अपने वरिष्ठ साथियों – महाराष्ट्र में भूपति और छत्तीसगढ़ में सतीश – के सफल पुनर्वास को समर्पण का प्रेरणा स्रोत बताया है।

  • सरेंडर की अंतिम तिथि: सामूहिक समर्पण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 15 फरवरी 2026 तक का समय मांगा गया है।

  • युद्धविराम की मांग: उन्होंने इस अवधि के दौरान सुरक्षाबलों से अपने अभियान और PLGA सप्ताह जैसी गतिविधियों पर पूरी तरह विराम लगाने का अनुरोध किया है।

  • पुनर्वास पर विश्वास: पत्र में यह विश्वास व्यक्त किया गया है कि सरकार उनकी पुनर्वास योजना और एक सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करेगी।

Maharashtra सरकार की प्रतिक्रिया और भविष्य की योजना

तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों—महाराष्ट्र के देवेंद्र फडणवीस, मध्य प्रदेश के मोहन यादव और छत्तीसगढ़ के विष्णु देव साईं—ने इस ऐतिहासिक कदम का स्वागत किया है।

  • सीएम फडणवीस ने कहा, “नक्सलवाद का अंत नजदीक है, सरेंडर ही उनका एकमात्र रास्ता है।”

  • सीएम यादव ने पुनर्वास योजनाओं को मजबूत करने का आश्वासन दिया।

  • सीएम साईं ने इसे “विकास की जीत” बताया।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस कदम को “सकारात्मक संकेत” बताते हुए, आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2023 के तहत प्रक्रिया की निगरानी के लिए विशेषज्ञों की एक टीम गठित की है। यह घटनाक्रम देश में नक्सलवाद को समाप्त करने की दिशा में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है।

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