Uttar Pradesh: वाराणसी में एक बड़ा हादसा हो गया है। मंगलवार भोर में विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath) के पास करीब तीन बजे दो पुराने मकानों की जर्जर दीवारें गिर गईं, जिससे तीन महिलाओं और ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी समेत कुल नौ लोग मलबे में दब गए। अब तक सात लोग घायल हुए हैं और एक की मौत हो गई है।
पुलिस के जवान समेत तीन को गंभीर हालत में कबीरचौरा अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि बाकी लोगों को मलबे से निकालने का प्रयास जारी है। एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें मौके पर बचाव कार्य में जुटी हैं, और पुलिस के अधिकारी भी वहां पहुंच गए हैं।
मंदिर के पास दो मकान धाराशाई
जानकारी के अनुसार, खोवा गली, मणिकर्णिका द्वार के पास मनीष और राजेश गुप्ता के लगभग 75 साल पुराने मकानों की दीवारें गिरने से यह हादसा हुआ है। इस हादसे के बाद विश्वनाथ मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को गेट नंबर चार की बजाय गेट नंबर एक और दो से धाम में भेजा जा रहा है।
अजीत कुमार और पड़ोस के रमेश गुप्ता के मकान, जो क्रमशः सीके 28/6 और सीके 28/7 (दोनों चार मंजिला मकान) थे, सोमवार रात करीब पौने तीन बजे गिर गए। अजीत कुमार के मकान में ऊपरी मंजिल पर किराएदार अशोक यादव अपने बेटे के साथ किराए पर रहता था, जो मकान गिरने के दौरान दूसरे घर की छत से बाहर निकल गया।
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मकान गिरने से 9 लोग घायल, एक की मौत
दूसरे मकान में रमेशचंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी कुसुम लता, बेटा ऋषभ, बेटी रितिका, भाई मनीष गुप्ता, भाई की पत्नी पूजा गुप्ता और बेटा आर्यन थे। साथ ही रमेश की साली गाजीपुर के सादात निवासी प्रेमलता और उनकी बेटी भी आई हुई थीं। रमेश के घर में सभी फंस गए थे।
एनडीआरएफ, पुलिस और फायर विभाग के संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन के बीच सभी को निकालकर मंडलीय अस्पताल पहुंचाया गया। इसमें सादात निवासी महिला की मौत हो गई है। चार घंटे तक ऑपरेशन चला। इस घटना में एक सिपाही बिंदु चोटिल है, जिसका जबड़ा टूटा है और उसे ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
एक मकान के मालिक ने बताया कि मकान काफी जर्जर था और उसे मरम्मत कराना चाहते थे, लेकिन काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath) के पास होने के कारण अनुमति लेनी पड़ती है। विश्वनाथ मंदिर प्रशासन और नगर निगम से अनुमति मांगी गई थी, लेकिन नहीं मिली।