
क्या है निर्देश ?
सरकार ने कहा है कि राज्यों को पानी की बर्बादी बंद करनी चाहिए , रिसाव रोकना, पाइप लाइन की स्थिति ठीक करना और उन तरीकों को अपनाना चाहिए जिनसे पानी की बचत हो सके। साथ ही कहा गया कि नदी में पर्याप्त जल प्रवाह यानी “इकोलॉजिकल फ्लो (ecological flow)” — बनाए रखने में सहयोग करें। ताकि Yamuna नदी का पारिस्थितिक संतुलन बना रहे।
19 नवंबर को, HT ने बताया था कि बेसिन राज्यों ने उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में नदी जल आवंटन बढ़ाने की माँग की थी। पंजाब, जो समझौते का हिस्सा नहीं है, ने भी बेसिन राज्यों का हिस्सा माने जाने की माँग की। दिल्ली ने यमुना जल में अपने हिस्से को 980 मिलियन गैलन प्रतिदिन (MGD) से बढ़ाकर 1,250 MGD करने और रेणुकाजी, लखवाड़ और किशाऊ बांध परियोजनाओं को तेज़ी से पूरा करने का अनुरोध किया।
दिल्ली की स्थिति
राजधानी में “नॉन-रेवेन्यू वाटर (NRW)”, यानी वह पानी जो बिलिंग में नहीं जाता या ग़ैर-कानूनी रूप से लीक/खर्च हो जाता है लगभग 50-52% बताया गया है। सुधार के तहत, पानी आपूर्ति नेटवर्क में बड़े पाइप बदलने की योजना है। राजधानी में जल आपूर्ति के लिए कुल मिलाकर 15,600 KM पाईप-लाइन है; करीब 2,800 KM लाइनों को तुरंत रिप्लेस करना तय हुआ है।
क्या बदलेगा — सरकार की तैयारी
जल आपूर्ति सुधार के लिए नई पाइप-लाइन बिछाने और पुरानी लाइनों की मरम्मत का काम चल रहा है। जिससे रिसाव कम होगा और पानी की बचत होगी। साथ ही, पानी आपूर्ति की मोनिटरिंग बेहतर करने के लिए आधुनिक व्यवस्था, जैसे फ्लो-मीटर आदि स्थापित किए जा रहे हैं।
नागरिकों से अपील — आप क्या कर सकते हैं?
बार-बार नल की जाँच करें अगर नल या पाइप से पानी रिस रहा हो, तो तुरंत मरम्मत करवाएं। पानी उपयोग में बचत करें अनावश्यक नल खुले न छोड़ें, नहाते या साफ करते समय पानी की बर्बादी से बचें। अगर आप देखा कि कहीं रिसाव या बर्बादी हो रही है जाँच करवाएं या संबंधित अधिकारियों को सूचना दें।
पिछले महीने, दिल्ली सरकार ने चंद्रावल जल उपचार संयंत्र (WTP) के जलग्रहण क्षेत्र में जलापूर्ति को सुधारने के लिए 2,400 करोड़ रुपये की चंद्रावल परियोजना को मंजूरी दी थी, जिसमें 1,000 किलोमीटर पुरानी और जीर्ण-शीर्ण जलापूर्ति लाइनों को बदलना शामिल होगा।