Mamata Banerjee On Governor : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस (Governor Dr. CV Ananda Bose) पर एक महिला से कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर अब सीएम ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने भी निशाना साधा है। उन्होंने इस घटना को हृदय विदारक बताया और सीधे तौर पर राज्यपाल पर ऐसा करने का आरोप लगाया है।
बता दें कि शुक्रवार, 3 मई को पश्चिम बंगाल में मामता बनर्जी एक चुनावी जनसभा में शामिल हुई थी। इस दौरान उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि “वह (युवती) राजभवन में नौकरी करती है। राज्यपाल ने उसके साथ क्या व्यवहार किया। मेरे पास एक नहीं हजारों ऐसी घटनाएं आई हैं, लेकिन मैंने कभी कुछ नहीं कहा। हालांकि यह घटना मेरे लिए हृदय विदारक है।”
वहीं आगे अपने भाषण में सीएम ममता (Mamata Banerjee) ने सीधे तौर पर राज्यपाल को यौन उत्पीड़न का आरोपी बताया। ममता ने कहा कि राज्यपाल ने अपने यहां काम करने वाली युवती के साथ एक नहीं.. दो बार यौन उत्पीड़न किया। सीएम ने आगे कहा कि “मैंने उसका (लड़की) रोना देखा है, मेरे पास उसका वीडियो आया है। कल (गुरुवार) युवती ने बाहर निकलने के दौरान रोते हुए कहा है कि अब मैं राजभवन में नौकरी करने नहीं जाऊंगी। वह डर रही है… कभी भी उसे बुलाकर ख़राब व्यवहार कर सकते हैं, अपमान कर सकते हैं…”
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क्या है मामला?
दरअसल, राज भवन में अस्थाई तौर पर काम करने वाली एक महिला कर्मचारी ने लाल बाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय के हेयर स्ट्रेट थाने में गुरुवार, 2 मई की रात राज्यपाल के खिलाफ यौन उत्पीड़न की लिखित शिकायत दर्ज करवाई है। वहीं गवर्नर ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है। राज्यपाल ने इस आरोप को बेबुनियाद बताया और कहा कि वह इससे डरने वाले नहीं है।
राजभवन ने कही ये बातें
वहीं दूसरी तरफ न्यूज एजेंसी PTI ने राजभवन के सूत्रों के हवीले से कहा कि ”महिला कर्मचारी अपने कथित प्रेमी, जो राजभवन का कर्मचारी भी है, की मदद से (लोगों की) शिकायतों को भारत के निर्वाचन आयोग को भेजे जाने से रोक रही थी।” राजभवन के एक अधिकारी ने बताया कि ‘जब महिला को इसके लिए डांटा गया तो उसने बाहर जाकर छेड़छाड़ का आरोप लगाया।”
वहीं राजभवन की ओर से जारी एक अलग बयान में कहा गया कि राज्यपाल ने ‘मानहानि और संविधान विरोधी बयानों’ को लेकर पश्चिम बंगाल की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के कोलकाता, दार्जिलिंग और बैरकपुर के राजभवन परिसरों में एंट्री पर रोक लगा दी है। साथ ही राज्यपाल ने अपने कार्यालय को यह भी निर्देश दिया है कि वह मंत्री की उपस्थिति वाले किसी भी समारोह में भाग नहीं लेंगे। वहीं मंत्री के खिलाफ भावी कानूनी कदमों पर परामर्श के लिए भारत के अटॉर्नी जनरल से संपर्क किया गया है। इस बीच राजभवन परिसर में पुलिस के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है।