नई दिल्ली। पिछले कई महीनों से मणिपुर (Manipur Violence )में हो रहे हिंसा के खिलाफ, राजधानी इम्फाल में महिलाओं ने मशाल रैली निकाल प्रदर्शन किया। महिला प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह के आवास की ओर भी मार्च किया। प्रदर्शनकारी ने यह रैली तेंगनोउपल जिले में भारत-म्यांमार सीमा के पास मोरेह में उग्रवादियों के हमले में दो जवानों के शहीद होने के बाद महिलाओं ने यह रैली निकाल राज्य में हो रहे,हिंसा का विरोध कर रहे थे।
SOO समझौता रद्द करने की मांग
मोरेह और मणिपुर के अन्य इलाकों में पिछले दिनों हुई गोलीबारी की घटनाओं के विरोध में रैली निकाली। प्रदर्शनकारीयों ने राज्य में हो रहे हिंसा की निंदा करते हुए उग्रवादी संगठनों के साथ हाल ही में हुए सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (SOO) समझौते को रद्द करने की मांग की। 22 अगस्त 2008 को उग्रवादी समूहों के साथ राजनीतिक बातचीत शुरू करने के उद्देश्य से सरकार ने यह समझौता किया था।
हमले में दो जवान शहीद
राज्य के सीमावर्ती इलाके मोरेह के चिकिम गांव में 17 जनवरी की सुबह पहाड़ी इलाके में हथियारबंद उग्रवादियों के हमले में दो जवान शहीद हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राज्य सरकार को टेंग्नौपाल में अशांति फैलने की आशंका को लेकर जानकारी मिली थी जिसके बाद सरकार ने 16 जनवरी को रात 12 बजे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया इसके वाद भी यह हमला हुआ।
Manipur Violence में अब तक 180 से अधिक मौतें
गौरतलब है की पिछले साल 3 मई को घाटी में बहुसंख्यक मैतेई और पहाड़ी में बहुसंख्यक कुकी के बीच जातीय झड़प के बाद मणिपुर में छिटपुट हिंसा जारी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अभी तक इस हिंसा (Manipur Violence )में 180 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। जबकि हजारों लोग विस्थापित भी हूए है।
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Soo समझौता क्या है?
Soo समझौता के जरिए सरकार और उग्रवादियों के बीच इन बिंदुओं पर सहमति बनी थी।
- राज्य या केंद्रीय सुरक्षा बल उग्रवादी समूहों के खिलाफ कोई अभियान शुरू नहीं करेंगे।
- ये इजाजत उग्रवादी समूहों को भी नहीं मिलेगी।
- सभी भारत के संविधान, देश के कानूनों और मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता का पालन करेंगे।
- किसी भी प्रकार के अत्याचार और जबरन वसूली नहीं कर पाएंगे।
- उग्रवादी कैडरों को सरकार की सरकार की ओर से शिविरों में सीमित किया जाएगा। इसक निर्धारण सरकारें करेंगी।
- उग्रवादियों को शिविर में रहने के लिए पुर्नवास पैकेज के रूप में 5000 रुपये मासिक भत्ता दिया जाएगा।
- समझौते के प्रभावी कार्यान्वयन की देखरेख के लिए, संयुक्त निगरानी समूह (JMG) का गठन किया जाएगा ।