महाराष्ट्र में महिलाओं पर हिंसा: चिंता का विषय बना औसतन 109 घटनाओं का आंकड़ा

मुंबई, अजय कल्याणे: महाराष्ट्र में महिलाओं पर होने वाली हिंसा और अपराध के मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे आम जनता में गहरा आक्रोश है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं का औसत प्रतिदिन 109 से 126 के बीच रहा है, चाहे वह महाविकास अघाड़ी का शासनकाल हो या वर्तमान महायुति सरकार का।

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Mumbai: महाराष्ट्र में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे राज्य में गंभीर चिंता का माहौल है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के ताज़ा आंकड़े दर्शाते हैं कि चाहे महाविकास अघाड़ी का शासन हो या महायुति का, महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं प्रतिदिन औसतन 109 से 126 के बीच बनी हुई हैं। इस स्थिति ने राज्य की कानून-व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

कोविड काल और उसके बाद भी नहीं घटी घटनाओं की संख्या

2020 के कोविड काल के दौरान, महाराष्ट्र में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के 31,701 मामले सामने आए, जिसका औसत प्रतिदिन 88 घटनाओं का था। यह संख्या 2021 में बढ़कर 39,266 हो गई, जिसमें प्रतिदिन औसत 109 घटनाएं दर्ज की गईं। 2022 के पहले छह महीनों में यह आंकड़ा और भी बढ़ गया, जहां 22,843 मामलों के साथ प्रतिदिन औसतन 126 घटनाएं हुईं।

महाविकास अघाड़ी सरकार के कार्यकाल के अंतिम छह महीनों (जुलाई से दिसंबर 2022) में, 20,830 मामले दर्ज किए गए, जो प्रतिदिन औसतन 116 घटनाओं का संकेत देते हैं। इसके बाद 2023 में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के कुल 45,434 मामले दर्ज किए गए, जो औसतन प्रतिदिन 126 घटनाएं होती हैं।

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महिलाओं और नाबालिगों पर बढ़ता अत्याचार

महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के बढ़ते मामलों ने लोगों के बीच चिंता पैदा कर दी है। विशेष रूप से नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म के प्रयास के मामलों (POCSO धारा 12, IPC 509) में 2021 के बाद से अचानक वृद्धि देखी गई है। 2017 से 2022 के आंकड़ों के अनुसार, 2017 में 94 मामले और 2018 में 48 मामले दर्ज हुए थे। लेकिन 2021 में यह संख्या बढ़कर 249 हो गई, और 2022 में यह 332 तक पहुंच गई।

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार के समय में इस वृद्धि ने राज्य में चिंता का माहौल बना दिया था।

छेड़छाड़ और साइबर अपराधों में मामूली सुधार

हालांकि, कुछ मामलों में सुधार भी देखा गया है। 18 वर्ष से अधिक उम्र की लड़कियों के छेड़छाड़ के मामलों में 2022 की तुलना में 2023 में कमी आई है। 2022 में जहां 1317 अपराध दर्ज किए गए थे, वहीं 2023 में यह संख्या घटकर 1208 रह गई है।

महिलाओं से संबंधित साइबर अपराधों की संख्या भी 2022 में 116 से घटकर 2023 में 79 हो गई है।

मुंबई में POCSO के तहत मामलों में गिरावट

Mumbai में POCSO की धारा 4 और 6 के तहत दर्ज होने वाले यौन शोषण के मामलों में भी कमी आई है। 2020 में मुंबई में कुल 445 बलात्कार के मामले सामने आए थे, जबकि 2021 में यह संख्या बढ़कर 524 हो गई थी। 2022 में यह संख्या 615 तक पहुंची, लेकिन 2023 में मामूली गिरावट के साथ यह संख्या 590 रह गई।

सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया

Mumbai बदलापुर की घटना के बाद महाविकास अघाड़ी के विरोध प्रदर्शनों ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। आम जनता और विपक्षी दलों के बीच बढ़ते आक्रोश को देखते हुए, यह साफ है कि महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार पर दबाव बढ़ रहा है।

NCRB के आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि महाराष्ट्र में महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा के मामलों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, चाहे सरकार कोई भी हो। महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है, ताकि इन बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाई जा सके।

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