Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर के खतौली क्षेत्र में एक बड़ा ज़मीन घोटाला सामने आया है, जहां कूट रचित दस्तावेजों के जरिए पाकिस्तान में बस चुकी महिला की करोड़ों की ज़मीन को बेचा गया। इस घोटाले में सत्ताधारी पार्टी से जुड़े भूमाफियाओं का नाम सामने आया है। पूर्व विधायक द्वारा की गई शिकायत पर Muzaffarnagar पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। जांच के दौरान यह भी पता चला कि यह जमीन पहले से ही शत्रु संपत्ति घोषित की जा चुकी थी।
खतौली में शत्रु संपत्ति के गलत तरीके से क्रय विक्रय का मामला
Muzaffarnagar के खतौली में करोड़ों रुपयों की शत्रु संपत्ति को कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर बेचे जाने के मामले में तहसीलदार श्रद्धा गुप्ता की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। इस प्रकरण से सत्ताधारी पार्टी से जुड़े स्थानीय भू-माफियाओं में हड़कंप मच गया है।
दो बीघा ज़मीन पर भू माफियाओं की नज़र
बालाजीपुरम गंग नहर के पास स्थित लगभग दो बीघा ज़मीन को बेनामी संपत्ति के रूप में देखा जा रहा था। बताया गया कि इस जमीन की असली वारिस मरियम नामक महिला थी, जो दशकों पहले अपने परिवार के साथ पाकिस्तान चली गई थी। यह जानकारी मिलने पर भू माफियाओं की इस जमीन पर नजरें टिकी हुई थीं।
शत्रु संपत्ति घोषित होने के बावजूद जमीन पर कब्जे की साजिश
कुछ लोगों ने भू माफियाओं की साजिश की शिकायत जिला प्रशासन से की थी। इसके बाद जांच के उपरांत, मई 2018 में खतौली तहसील प्रशासन ने मरियम की ज़मीन को उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा 5(1) के तहत शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया था।
फर्जी दस्तावेजों से जमीन बेचने की कोशिश
शत्रु संपत्ति घोषित होने के बावजूद सत्ताधारी पार्टी से जुड़े दो भू-माफिया भाइयों ने कूट रचित दस्तावेजों के माध्यम से अपनी कार के चालक को पाकिस्तान गई मरियम का वारिस दिखाकर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया। इसके आधार पर इस भूमि को मुजफ्फरनगर निवासी एक व्यक्ति को रजिस्टर्ड बैनामे से बेच दिया गया।
दोबारा शिकायत और तहसील प्रशासन की कार्यवाही
इस धोखाधड़ी का पता चलने पर पुनः कुछ लोगों ने जिला प्रशासन से शिकायत की। Muzaffarnagar जिलाधिकारी के आदेश पर तहसील प्रशासन ने तुरंत हरकत में आते हुए एक सप्ताह पहले उस ज़मीन पर शत्रु संपत्ति का बोर्ड लगवाया और तारबंदी कराकर इसे क्रय विक्रय करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।
जांच में धोखाधड़ी की पुष्टि
कई दिनों तक चली जांच के बाद इस बात की पुष्टि हुई कि शत्रु संपत्ति को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बेचा गया था। इसके बाद तहसीलदार श्रद्धा गुप्ता की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने नगर निवासी दीनू पुत्र अजीज और शेरपुर Muzaffarnagar निवासी इकराम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471 और लोक संपत्ति को खुर्द बुर्द करने की धारा 2/3 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
यहां पढ़ें: ताजमहल के आसपास पेशाब पर हंगामा, हिंदू संगठनों में आक्रोश, गाय का गोबर और गंगा जल लेकर आया व्यक्ति
भूमाफियाओं में हड़कंप, छोटे अपराधी फंसे
मुकदमा दर्ज होने के बाद भूमाफियाओं में खलबली मच गई है। चर्चा है कि इस धोखाधड़ी से लाखों रुपये कमाने वाले भू माफिया कानूनी कार्यवाही से बचने में सफल रहे हैं, जबकि उनके छोटे साथी कानून की गिरफ्त में आ गए हैं।
पूर्व विधायक की शिकायत के बाद हुई कार्रवाई
सत्ताधारी पार्टी से जुड़े इन भू-माफिया भाइयों का आजकल एक पूर्व विधायक से विवाद चल रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि पूर्व विधायक ने इस मुद्दे की शिकायत शासन स्तर पर की, जिसके बाद तहसील प्रशासन ने शत्रु संपत्ति को बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की।