श्रीलंका में प्राकृतिक कहर ! बाढ़ और भूस्खलन ने ली 56 जानें, हजारों लोग प्रभावित

मौसम की गंभीरता को देखते हुए, श्रीलंका सरकार ने शुक्रवार को सभी सरकारी दफ्तर और स्कूल बंद करने का फैसला किया है। सड़कों और रेलवे ट्रैकों पर मलबा, कीचड़ और पानी ने यातायात ठप कर दिया है। कई इलाकों में रेल सेवा रोक दी गई है।

श्रीलंका में प्राकृतिक कहर—बाढ़, भूस्खलन से 56 की मौत, 21 लापता

श्रीलंका में प्राकृतिक कहर ! बाढ़ और भूस्खलन ने ली 56 जानें, हजारों लोग प्रभावितCyclone Ditwah  : पिछले कुछ दिनों से Cyclone Ditwah के कारण श्रीलंका में भारी वर्षा हो रही है। इस बारिश ने देश के कई हिस्सों में बाढ़ और भूस्खलन (लैंडस्लाइड) की स्थिति पैदा कर दी। गिरते पानी, उफनते नदियाँ और भूस्खलन इन तीनों ने मिलकर व्यापक विनाश मचाया, जिससे सड़कों, घरों, खेतों और रेलवे लाइन तक पर बुरा असर पड़ा। अधिकारियों के अनुसार, अब तक कम-से-कम 56 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 21 लोग लापता बताए जा रहे हैं। वहीं, करीब 600 से अधिक मकान बाढ़/भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुए हैं और लगभग 44,000 लोग (करीब 12,313 परिवार) प्रभावित हुए हैं। Cyclone Ditwah  शुक्रवार को द्वीप राष्ट्र के पूर्वी तट से टकराया, जिससे और अधिक बारिश हुई।

 इमरजेंसी हालात — स्कूल, दफ्तर बंद, अभाव-निर्माण

मौसम की गंभीरता को देखते हुए, श्रीलंका सरकार ने शुक्रवार को सभी सरकारी दफ्तर और स्कूल बंद करने का फैसला किया है। सड़कों और रेलवे ट्रैकों पर मलबा, कीचड़ और पानी ने यातायात ठप कर दिया है। कई इलाकों में रेल सेवा रोक दी गई है।

 बचाव कार्य व राहत प्रयास

आपदा प्रबंधन की टीमों, नौसेना एवं वायुसेना द्वारा राहत और बचाव अभियान जारी है। बाढ़ में फँसे लोग नाव और हेलिकॉप्टर की मदद से बचाए जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने ऊँचे भाट-स्थानों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की चेतावनी दी है। साथ ही, भविष्य में और बारिश व भूस्खलन की आशंका को देखते हुए दैनिक अलर्ट जारी किया गया है। इस आपदा ने सिर्फ जन-धन का नुकसान नहीं, बल्कि श्रीलंका के लिए एक बड़े अलर्ट की तरह काम किया है। सरकार और स्थानीय प्रशासनों ने नागरिकों से अपील की है कि वे असावधान न हों, और जरूरत हो तो तुरंत सुरक्षित स्थानों पर चले जाएँ।

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