New Delhi: दिल्ली हाई कोर्ट ने छात्र एक्टिविस्ट शरजील इमाम को बड़ी राहत देते हुए जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कथित भड़काऊ भाषण देने से संबंधित राष्ट्रद्रोह और यूएपीए के मामले में जमानत दे दी है।
हालांकि, शरजील को अभी जेल में ही रहना होगा। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस सुरेश कुमार और जस्टिस मनोज जैन ने उन्हें जमानत दी है। शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली दंगा मामले में भी केस दर्ज है, जिसमें उन्हें जमानत नहीं मिली है, इस कारण उन्हें जेल में रहना पड़ेगा।
अब तक आधी सजा काट चुके है शरजील
शरजील इमाम ने अपनी सजा के आधे से अधिक समय काट लेने के आधार पर जमानत की मांग की थी। उनकी ओर से अधिवक्ता तालिब मुस्तफा और अहमद इब्राहिम ने पैरवी की। दिल्ली (New Delhi) पुलिस की ओर से एसपीपी रजत नायर पेश हुए। मुस्तफा ने कहा कि इमाम पहले ही सात साल की अधिकतम सजा में से चार साल और सात महीने की सजा काट चुके हैं। गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 13 के तहत अधिकतम सजा सात साल की है।
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अभियोजन पक्ष के अनुसार, शरजील इमाम ने 13 दिसंबर, 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया और 16 दिसंबर, 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भाषण दिए थे, जिसमें उन्होंने असम और पूर्वोत्तर को देश से काटने की धमकी दी थी। इसी आरोप पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मामला दर्ज किया था। शुरुआत में देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था और बाद में यूएपीए की धारा 13 लगाई गई। शरजील इमाम 28 जनवरी, 2020 से हिरासत में हैं।