Paris Olympic 2024 : अल्जीरियाई मुक्केबाज इमान खलीफे ने पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने महिला मुक्केबाजी के वेल्टरवेट वर्ग के फाइनल मुकाबले में चीनी मुक्केबाज और 2023 की विश्व चैंपियन यांग लियू को एकतरफा मुकाबले में 5-0 से हराया। इमान खलीफे स्वर्ण पदक जीतने वाली अल्जीरिया की पहली महिला मुक्केबाज हैं। उनके अलावा पुरुष वर्ग में अल्जीरिया के लिए सिर्फ होसीन सोलतानी ने स्वर्ण पदक जीता है। अल्जीरिया के ओलंपिक इतिहास में यह 7वां स्वर्ण पदक है। प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले में इतालवी मुक्केबाज एंजेला कैरिनी को हराने के बाद खलीफ पर पुरुष होने का आरोप लगा। उन्हें कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। यहां तक कि उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग भी की गई।
Paris Olympic 2024 तक का सफर मुश्किल रहा
इमान खलीफ के लिए Paris Olympic 2024 तक का सफर काफी मुश्किल रहा है। स्वर्ण पदक जीतना उनके लिए इतना आसान नहीं था। पूरे ओलंपिक के दौरान उन्हें पुरुष कहकर खूब ट्रोल किया गया। उन्हें काफी विरोध का सामना करना पड़ा, यहां तक कि उन्हें अयोग्य घोषित करने और बाहर करने की मांग भी की गई। इन सब बातों को झेलते हुए खलीफ ने अपने मैचों पर ध्यान केंद्रित रखा। हालांकि, फाइनल में उन्हें काफी समर्थन मिलता हुआ नजर आया। मुकाबले के दौरान कई प्रशंसक उनके नाम के नारे लगाकर उनका उत्साहवर्धन कर रहे थे।
जीत के बाद खलीफ ने हवा में मुक्का मारा और अल्जीरियाई ध्वज के साथ विजय लैप लगाया और सभी को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। इस दौरान वह काफी भावुक नजर आईं। खलीफ ने कहा कि ओलंपिक चैंपियन बनना उनका 8 साल पुराना सपना था, जो पूरा हो गया है। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने ऊपर हुए हमलों और नफरत के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ हुए विरोध ने इस जीत को खास बना दिया है। खलीफ ने उम्मीद जताई कि भविष्य में इस तरह के हमले नहीं होंगे।
कबाड़ बेचकर बनीं बॉक्सर
इमान खलीफ के लिए बॉक्सिंग का सफर संघर्षों से भरा रहा है। खलीफ का जन्म 1999 में अल्जीरिया के तियारेत में हुआ था। 25 वर्षीय बॉक्सर को शुरुआत में फुटबॉल खेलने का शौक था, लेकिन बाद में उन्होंने बॉक्सिंग को अपना करियर बनाने का फैसला किया। खलीफ ने जब बॉक्सिंग शुरू की, तो उन्हें ट्रेनिंग के लिए बस से दूसरे गांव जाना पड़ता था। उस समय खलीफ बहुत गरीब थीं और उनके पास बस से आने-जाने के लिए पैसे नहीं थे। इसलिए वह कबाड़ बेचकर अपने लिए पैसों का इंतजाम करती थीं। इतना ही नहीं, उनके पिता को लड़कियों का बॉक्सिंग करना बिल्कुल भी पसंद नहीं था। फिर भी खलीफ ने हार नहीं मानी और तमाम परेशानियों के बीच अपना खेल जारी रखा। 2023 से चल रहा है पुरुष होने का विवाद
2023 से पुरुष होने की बहस
इमान खलीफ ने 19 साल की उम्र में 2018 AIBA महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में पदार्पण किया था। 2019 विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में वह पहले ही दौर में बाहर हो गई थीं। वहीं, 2020 टोक्यो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल मुकाबले में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
Aman Sehrawat: मन सहरावत ने पेरिस ओलंपिक में भारत को दिलाया छठा मेडल, पीएम ने दी बधाई
इसके बाद खलीफ साल 2023 में विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची थीं। हालांकि, गोल्ड मेडल मैच से पहले ही इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (IBA) ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था। IBA ने अयोग्य घोषित किए जाने के पीछे खलीफ के शरीर में टेस्टोस्टेरोन की अधिक मात्रा को कारण बताया था।
टेस्ट के दौरान खलीफ के शरीर में X, Y क्रोमोसोम
बाद में IBA अध्यक्ष ने यह भी खुलासा किया था कि DNA टेस्ट के दौरान खलीफ के शरीर में X, Y क्रोमोसोम पाए गए थे, जो पुरुषों में पाए जाते हैं। हालांकि, एसोसिएशन का टेस्ट भी विवादों में आया था। वहीं, खलीफ ने IBA के फैसले को बड़ी साजिश भी बताया था। पेरिस ओलंपिक में इटली के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मैच के बाद वह एक बार फिर विवादों में आ गईं। इस मैच में उनकी प्रतिद्वंद्वी एंजेला कैरिनी ने महज 46 सेकंड के बाद ही मैच से नाम वापस ले लिया था। इसके बाद खलीफ पर मर्द होने का आरोप लगा। इसके बाद खलीफ को पूरी दुनिया से नफरत का सामना करना पड़ा। फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और चैंपियन बनने का सपना देखती रहीं और अब उन्होंने गोल्ड मेडल जीत लिया है।