Prajwal Revanna: एसआईटी ने जेडीएस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते Prajwal Revanna के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। एसआईटी ने दुष्कर्म मामले में पूर्व सांसद Prajwal Revanna के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। एसआईटी ने यौन उत्पीड़न मामले में प्रज्वल के साथ-साथ उनके पिता और विधायक एचडी रेवन्ना के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की है। जानकारी के मुताबिक एसआईटी प्रज्वल के खिलाफ चार मामलों की जांच कर रही है। जिसकी जांच में करीब 150 गवाहों के बयानों के आधार पर 2,000 से ज्यादा पन्नों में आरोप दाखिल किए गए हैं।
एसआईटी द्वारा विशेष अदालत में दाखिल आरोपपत्र में रेवन्ना परिवार की घरेलू सहायिका के कथित यौन शोषण से जुड़े आरोप भी शामिल हैं। आरोपपत्र में घटनास्थल का निरीक्षण, जैविक, भौतिक, वैज्ञानिक, मोबाइल, डिजिटल और अन्य साक्ष्य शामिल हैं। एसआईटी सूत्रों ने बताया है कि आरोपपत्र दाखिल करने से पहले विशेषज्ञों की राय भी ली गई है।
कौन हैं Prajwal Revanna?
प्रज्वल पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) के प्रमुख एचडी देवेगौड़ा के पोते और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के भतीजे हैं। प्रज्वल के पिता एचडी रेवन्ना राज्य में पूर्व लोक निर्माण मंत्री रह चुके हैं और बेंगलुरु से सांसद हैं। प्रज्वल मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक हैं। वे पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया भी गए हैं। वे पिछले एक दशक से जेडीएस के साथ हैं। रेवन्ना ने 2019 में हासन से लोकसभा चुनाव भी जीता था।
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पिता-पुत्र पर लगाई गई धाराएं
पिता एचडी रेवन्ना पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354 और 354 (ए) के तहत आरोप लगाए गए हैं, जबकि Prajwal Revanna पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 376 (2) (के), 354, 354 (ए) और 354 (बी) के तहत आरोप लगाए गए हैं। दोनों के खिलाफ उनके घर पर काम करने वाले एक हेल्पर ने शिकायत दर्ज कराई थी। बताया जा रहा है कि पीड़िता भी उनकी दूर की रिश्तेदार लगती है। उसने आरोप लगाया कि उसके साथ कई बार यौन शोषण किया गया।
2024 के चुनाव के दौरान मामले का खुलासा हुआ
2024 के लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से पहले सोशल मीडिया पर कई सनसनीखेज अश्लील वीडियो सामने आए, जिनमें प्रज्वल को दिखाया गया। इन वीडियो में प्रज्वल कई महिलाओं का यौन शोषण करता नजर आया। इसके सामने आने के बाद लोगों में गुस्सा भी फैल गया।
कर्नाटक राज्य महिला आयोग ने पूरे मामले की जांच की मांग की। इस संबंध में कांग्रेस सरकार को पत्र लिखा। जिसके बाद सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए।