UP news: 2025 में प्रयागराज में दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन, महाकुंभ का आयोजन होगा। इस बार उत्तर प्रदेश के CM Yogi ने (Mahakumbh) की तैयारियों में विशेष ध्यान दिया है ताकि श्रद्धालुओं को हर तरह की सुविधा मिले और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
सुरक्षा व्यवस्था और मॉनिटरिंग
महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 7 लेयर की सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। महाकुंभ क्षेत्र को 10 जोन, 25 सेक्टर, 56 थानों और 155 चौकियों में बाँटा जाएगा ताकि हर जगह निगरानी रखी जा सके। सुरक्षा में 37,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे, जिसमें महिला सुरक्षा के लिए 1378 महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। रेलवे स्टेशनों पर भी सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा, जहाँ 7000 जीआरपी कर्मी तैनात होंगे। इंटेलिजेंस यूनिट भी सक्रिय रहेगी ताकि किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके।
अस्थायी अस्पताल और स्वास्थ्य सुविधाएँ
श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकार अस्थायी अस्पताल स्थापित कर रही है, जिसमें एक्स-रे और एमआरआई जैसी सुविधाएँ भी होंगी। सरकार 10 लाख ओपीडी और 10,000 आईपीडी की तैयारी कर रही है ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी का सामना न करना पड़े।
घाटों का पुनरुद्धार
महाकुंभ के लिए प्रयागराज के घाटों का पुनरुद्धार किया जा रहा है। 7 प्रमुख घाटों पर मेडिटेशन जोन, चेंजिंग रूम, सिटिंग प्लाजा, कैंटीन, और स्वच्छ पानी के लिए आरओ की व्यवस्था होगी। 80% पुनरुद्धार कार्य पहले ही पूरे किए जा चुके हैं, जिससे घाटों की सुंदरता और बढ़ गई है।
मेला क्षेत्र में सुविधाएँ और सौंदर्यीकरण
महाकुंभ मेला क्षेत्र को 4000 हेक्टेयर में फैलाया जाएगा, जिसमें 1800 हेक्टेयर में पार्किंग की सुविधा होगी। 30 पंटून ब्रिज, फूड जोन, थीमेटिक लाइटिंग और सांस्कृतिक स्थल बनाए जा रहे हैं। मेला क्षेत्र में 1.5 लाख टॉयलेट्स और यूरिनल्स लगाए जाएंगे, जिनकी सफाई के लिए 10,000 से अधिक सफाईकर्मी तैनात होंगे।
खोया-पाया सिस्टम
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए एक अत्याधुनिक खोया-पाया सिस्टम तैयार किया गया है। इसमें किसी के खोने पर उसकी सूचना खोया-पाया केंद्र में दर्ज की जाएगी और सोशल मीडिया पर भी साझा की जाएगी ताकि उसे उसके परिवार से जल्द मिलवाया जा सके।
जीरो एनिमल जोन
महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र को जीरो एनिमल जोन बनाया जाएगा। पशुओं के लिए अलग आश्रय स्थल बन रहे हैं ताकि पशुपालकों को अपने जानवरों को महाकुंभ क्षेत्र में छोड़ने की जरूरत न पड़े।
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महाकुंभ की शुरुआत
महाकुंभ का पहला पवित्र स्नान पौष पूर्णिमा पर 13 जनवरी 2025 को होगा। इसके बाद मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि जैसे स्नान पर्व मनाए जाएंगे।