RJD crisis News: बिहार के राजनीतिक गलियारों में लालू प्रसाद यादव के परिवार का आंतरिक कलह अब एक बड़ा राजनीतिक संकट बनता जा रहा है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के संरक्षक की सबसे छोटी बेटी रोहिणी आचार्य के सार्वजनिक रूप से परिवार और राजनीति छोड़ने के भावनात्मक ऐलान के बाद, उनकी तीन अन्य बहनें—रागिनी यादव, चंदा यादव, और राजलक्ष्मी यादव—भी अपने बच्चों के साथ पटना स्थित पैतृक निवास से दिल्ली के लिए रवाना हो गई हैं। यह घटनाक्रम आगामी बिहार विधानसभा चुनावों से ठीक पहले आरजेडी के लिए एक गंभीर चुनौती खड़ी कर रहा है, और यह संकेत दे रहा है कि परिवार के भीतर का विवाद अब सिर्फ एक निजी झगड़ा नहीं, बल्कि एक गहरी दरार बन चुका है।
रोहिणी ने अपने बड़े भाई तेजस्वी यादव और उनके सहयोगियों पर अपमानित करने और गाली-गलौज करने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे, जिससे यादव परिवार की एकता पर प्रश्नचिह्न लग गया है। यह घटनाक्रम न केवल पारिवारिक संबंधों को तोड़ रहा है, बल्कि बिहार की राजनीति में यादव वोट बैंक के ध्रुवीकरण पर भी असर डाल सकता है।
Rohini का भावुक विस्फोट और तीन बहनों का पलायन
RJD crisis रोहिणी आचार्य, जिन्होंने 2021 में अपने पिता लालू प्रसाद को अपनी किडनी दान की थी, ने शनिवार शाम एक लंबा सोशल मीडिया पोस्ट साझा किया था। इस पोस्ट में उन्होंने अपने भाई तेजस्वी यादव और उनके दो करीबी सहयोगियों पर अपमान और शारीरिक हमले के प्रयास के आरोप लगाए, यहां तक कि उन पर चप्पल उठाकर मारने की कोशिश करने का भी दावा किया। रोहिणी ने अपने पोस्ट में लिखा, “मैंने अपनी ‘गंदी किडनी’ दान की, लेकिन बदले में केवल अभिशाप मिला। मैं परिवार से अलग हो रही हूं।”
इस भावनात्मक पोस्ट के महज कुछ ही घंटों बाद, लालू प्रसाद की सात बेटियों में से तीन—रागिनी, चंदा और राजलक्ष्मी—अपने बच्चों के साथ पटना का 10, सरकारी हॉस्पिटल रोड स्थित निवास छोड़कर दिल्ली चली गईं। इंडिया टुडे को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रोहिणी के विवाद के बाद घर का माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया था कि बहनें इस तनाव को और बर्दाश्त नहीं कर सकीं। परिवार के एक करीबी सूत्र ने इसे “गहरा पारिवारिक घाव” बताया, जिसके कारण बहनों ने बच्चों की सुरक्षा और शांति के लिए पटना छोड़ना उचित समझा। यह घटनाक्रम दर्शाता है कि रोहिणी का गुस्सा सिर्फ उनका व्यक्तिगत विद्रोह नहीं, बल्कि परिवार के अंदर मौजूद विस्तृत असंतोष का प्रतीक है।
तेज प्रताप का भावुक समर्थन और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
RJD crisis लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव, जो खुद परिवार से अलग-थलग चल रहे हैं, ने रविवार सुबह एक भावुक वीडियो जारी कर रोहिणी का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “बहन का अपमान असहनीय है। जो परिवार पर हमला करेगा, उसे मैं दफना दूंगा।” उन्होंने माता-पिता से रोहिणी को वापस लाने की अपील की।
विपक्षी दलों ने इस विवाद को तुरंत भुना लिया है। जेडीयू नेता नीरज कुमार ने लालू और राबड़ी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए इसे RJD crisis का ‘आंतरिक विद्रोह’ करार दिया। बीजेपी ने इसे यादव परिवार की टूट बताया है। इस संकट ने बिहार चुनाव 2025 से पहले आरजेडी की तैयारियों पर गहन प्रभाव डाला है, खासकर तब जब पार्टी यादव समुदाय के वोटों पर निर्भर करती है। भले ही आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इसे ‘पारिवारिक मामला’ बताकर रोहिणी के जल्द लौटने की बात कही हो, लेकिन सोशल मीडिया पर चल रहा #YadavFamilyFeud स्पष्ट संकेत दे रहा है कि यह विवाद अब राजनीतिक गलियारों तक फैल चुका है। दिल्ली में स्वास्थ्य लाभ ले रहे लालू प्रसाद ने अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
