नई दिल्ली: यूक्रेन (Russia-Ukraine Conflict) के साथ युद्ध के बाद, कई देशों ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर बैन लगाए हैं। 2 साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है और युद्ध में रूस को कोई खास सफलता नहीं मिलती दिख रही है, जबकि यूक्रेन अभी भी मजबूती से डटा हुआ है। अब पुतिन ने BRICS देशों से शांति वार्ता में मध्यस्थ बनने की उम्मीद जताई है। BRICS की लिस्ट में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका आते हैं।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन ने कहा है कि चीन, भारत और ब्राजील यूक्रेन (Russia-Ukraine Conflict) पर संभावित शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि युद्ध के शुरुआती हफ्तों में इस्तांबुल में रूसी और यूक्रेनी वार्ताकारों के बीच एक समझौता हुआ था, जिसे कभी लागू नहीं किया गया। पुतिन ने सुझाव दिया कि वार्ता उसी समझौते के आधार पर हो सकती है!
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन (Russia-Ukraine Conflict) का दौरा किया था। इस दौरे पर पूरी दुनिया की नज़रें थी। रूस ने भी इस यात्रा पर अपना रिएक्शन दिया था। रूसी विदेश मंत्रालय ने इसे यूक्रेन संकट के राजनीतिक और कूटनीतिक समाधान के प्रयास के रूप में देखा था। रूसी विदेश विभाग ने भारत को एक प्रमुख वैश्विक शक्ति बताया, जो अपने राष्ट्रीय हितों के आधार पर अपनी विदेश नीति तैयार करता है। उन्होंने यह भी कहा कि रूस यूक्रेन के मुद्दे पर भारत के साथ बातचीत जारी रखने के लिए तैयार है।
अमेरिका ने भी यूक्रेन (Russia-Ukraine Conflict) में शांति स्थापित करने के प्रयासों पर रिएक्शन दिया है। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिका उन सभी देशों का स्वागत करेगा जो यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने में मदद करने के लिए तैयार हैं।
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जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत युद्ध समाप्त करने में भूमिका निभा सकता है। इस पर किर्बी ने कहा, कोई भी देश जो राष्ट्रपति जेलेंस्की के अधिकारों, यूक्रेनी (Russia-Ukraine Conflict) जनता के अधिकारों और न्यायपूर्ण शांति योजना को ध्यान में रखते हुए युद्ध को समाप्त करने में मदद करता है, उसकी भूमिका का स्वागत किया जाएगा।