25 साल बाद भारत में दक्षिण अफ्रीका की ऐतिहासिक जीत: गुवाहाटी में भारत का शर्मनाक ‘सूपड़ा साफ़’

गुवाहाटी टेस्ट में भारत को 408 रनों की करारी हार मिली, जो रनों के लिहाज से टेस्ट इतिहास में टीम इंडिया की सबसे बड़ी शिकस्त है। इस हार के साथ ही दक्षिण अफ्रीका ने भारत में 25 साल बाद टेस्ट सीरीज जीतकर इतिहास रच दिया है, और टीम इंडिया का घरेलू रिकॉर्ड तार-तार हो गया है।

IND vs SA series

IND vs SA series sweep: भारतीय क्रिकेट के लिए यह सप्ताह किसी काले अध्याय से कम नहीं है। गुवाहाटी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में मिली 408 रनों की विशाल हार ने न केवल टीम इंडिया को दो मैचों की सीरीज में 2-0 से क्लीन स्वीप करवा दिया, बल्कि भारतीय टेस्ट इतिहास में रनों के लिहाज से सबसे बड़ी हार का शर्मनाक रिकॉर्ड भी बना दिया। 25 साल बाद, दक्षिण अफ्रीका ने भारत की धरती पर टेस्ट सीरीज  IND vs SA series जीती है, और इस प्रदर्शन ने टीम इंडिया की घरेलू बादशाहत पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह हार एक ऐसे समय में आई है जब टीम प्रबंधन पर पहले से ही दबाव है, और इस निराशाजनक प्रदर्शन ने भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को निराश और क्रुद्ध कर दिया है।

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गुवाहाटी टेस्ट में भारतीय टीम का प्रदर्शन हर मोर्चे पर निराशाजनक रहा। पहली पारी में बल्लेबाजों का ढहना हो या दूसरी पारी में 549 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए सिर्फ 140 रनों पर सिमट जाना, टीम इंडिया कहीं भी प्रतिस्पर्धी नज़र नहीं आई। स्पिनर साइमन हार्मर के 6 विकेट और मार्को यानसेन के ऑलराउंड प्रदर्शन ने दक्षिण अफ्रीका को एक ऐतिहासिक जीत दिलाई।

गौतम गंभीर पर तीखे सवाल

इस शर्मनाक हार के बाद, टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर निशाने पर हैं। लगातार दो घरेलू टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप होना (इससे पहले न्यूज़ीलैंड ने 3-0 से हराया था) टीम के कोचिंग स्टाफ और रणनीतिकार की विफलता को दर्शाता है।

आलोचकों का कहना है कि गंभीर के नेतृत्व में टीम इंडिया की मानसिक दृढ़ता पूरी तरह गायब दिख रही है।

  • रणनीतिक विफलता: भारतीय परिस्थितियों में स्पिन के खिलाफ विदेशी टीम को इतनी बड़ी बढ़त कैसे मिली? क्या कोच ने खिलाड़ियों को मानसिक रूप से इस चुनौती के लिए तैयार नहीं किया था?

  • बल्लेबाजों का समर्पण: विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे सीनियर खिलाड़ियों की मौजूदगी में भी युवा बल्लेबाज दबाव में ताश के पत्तों की तरह क्यों बिखर गए? यह कोचिंग स्टाफ की जिम्मेदारी है कि वे खिलाड़ियों को स्थिरता प्रदान करें।

  • खराब चयन: लगातार हार के बावजूद प्लेइंग इलेवन में कठोर बदलाव न करना भी गंभीर के फैसलों पर सवाल खड़े करता है।

यह हार 40 साल बाद है जब भारत को घर पर लगातार दो टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप झेलनी पड़ी है।

भारत की ऐतिहासिक हार के आंकड़े

इस IND vs SA series में हुई हार ने कई कड़वे रिकॉर्ड बनाए हैं:

  • सबसे बड़ी हार (रनों से): 408 रन बनाम दक्षिण अफ्रीका, गुवाहाटी, 2025 (पिछला रिकॉर्ड 342 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया, नागपुर, 2004 था)।

  • 25 साल बाद जीत: दक्षिण अफ्रीका ने आखिरी बार हैंसी क्रोन्ये की कप्तानी में साल 2000 में भारत में टेस्ट सीरीज जीती थी।

  • तीसरी बार घर में क्लीन स्वीप:

    • 0-2 बनाम दक्षिण अफ्रीका, 2000

    • 0-3 बनाम न्यूज़ीलैंड, 2024

    • 0-2 बनाम दक्षिण अफ्रीका, 2025

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को अब इस हार की गहन समीक्षा करनी होगी। क्या यह समय है कि कोचिंग स्टाफ और टीम प्रबंधन में बड़े बदलाव किए जाएं, ताकि विश्व क्रिकेट में भारत की प्रतिष्ठा बहाल हो सके?

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