नई दिल्ली। एमएसपी मांगों को लेकर किसानों का केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन लगातार जारी है. इसको लेकर दूसरे राज्यों से सटे सीमाओं पर पुलिस और सुरक्षा कर्मियों द्वारा बैरिकेडिंग की गई है. इसके कारण यहां पर गाड़ियों की लंबी कतार लग गई है. बॉर्डर पर लोगों को जाम जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है.
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दिल्ली बॉर्डर के पास जाम से जूझ रहे आम लोग
दिल्ली और गुरुग्राम सीमा पर पुलिस प्रशासन द्वारा अवरोधक लगाए गए हैं. इसके कारण यहां पर जाम लग गई है. लोगों को भारी ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ रहा है. किसान आंदोलन 2.0 के दौरान प्रदर्शन कर रहे किसान लगातार अपने मांग को लेकर अड़े हुए हैं. इस दौरान दूसरी बार किसानों ने दिल्ली कूच करने की कोशिश की है. इससे पहले भी किसानों द्वारा दिल्ली कूच करने की कोशिश की गई थी, लेकिन सुरक्षा व्यवस्ता किसान इसमें सफल नहीं हो पाए थे. इसके बाद 16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान भी किया गया था. लेकिन इसका मिला-जुला असर देखने को मिला
एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत
बता दें कि केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन लगातार हिंसक होता जा रहा है. अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शनकारी किसान 21 जनवरी को एक बार राष्ट्रीय राजधानी कूच करने की कोशिश की. इसको रोकने के सरकार की तरफ से सख्त सुरक्षा मुहैया कराया गया. दिल्ली में किसानों के प्रवेश को रोकने के लिए यहां के बॉर्डर को सील किया गया. वहीं प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले और रबड़ की गोलियां भी दागे गए. इस घटना में एक 20 वर्षीय प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है.
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आंसू गैस के गोले और रबड़ की गोलियों का इस्तेमाल
गौरतलब है कि किसान आंदोलन के कारण दिल्ली के बॉर्डर पर जाम लगे हुए हैं. दरअसल अन्य राज्यों से जुड़ने वाली सीमाओं पर किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम है. इसके कारण मुख्य तौर पर दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाली सड़कों पर गाड़ियों का लंबी कतारे लगी हुई है. करीब सभी बॉर्डर पर किसान और सुरक्षाकर्मी आमने-सामने हैं. इस बार दिल्ली कूच करने के लिए किसान पूरी तैयारी के साथ आए हैं. प्रदर्शनकारियों ने अपने बेड़े में जेसीबी और पोकलेन जैसी गाड़ियों को शामिल किया है. वहीं सुरक्षाकर्मियों द्वारा छोड़े जा रहे है आंसू गैस के गोले और रबड़ की गोलियों से बचने के लिए भी शील्ड लगाए हुए हैं.