दिल्ली के लाल किला (Red Fort) में हाल ही हुई धमाके की घटना के बाद सुरक्षा के बीच एक बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन हो रहा है, जिसमें सिख गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत वर्षगांठ को याद किया जा रहा है। यह तीन दिन का कीर्तन दरबार (23 से 25 नवंबर) दिल्ली सरकार और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) द्वारा आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम में लगभग 50,000 श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी की गई है। कार्यक्रम में बोलते हुए CM रेखा गुप्ता ने कहा, “गुरु तेग बहादुर का जीवन उत्पीड़न, असहिष्णुता और अन्याय के खिलाफ साहस का एक स्थायी उदाहरण है।
सुरक्षा के इंतज़ाम
दिल्ली पुलिस और अन्य एजेंसियों ने एक मल्टी-लेयर सुरक्षा ग्रिड तैयार किया है, जिसमें CISF, बम स्क्वॉड, और अतिरिक्त CCTV कैमरों का तैनात किया गया है। घटना के बाद भय के माहौल के बावजूद आयोजक कहते हैं कि यह श्रद्धांजलि गुरु की याद में सबसे बड़े पैमाने पर की जा रही है। कार्यक्रम में लाइट और साउंड शो, गुरु तेग बहादुर के जीवन और बलिदान को दर्शाने वाली कीर्तन, कथाएँ और लंगर भी शामिल है। इसके अलावा, आयोजन स्थल पर अस्थायी म्यूज़ियम भी स्थापित किया गया है, जिसमें गुरु जी के जीवन के अहम पलों को प्रदर्शित किया गया है।
मुख्य अतिथियों में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आने की संभावना है।आयोजनकर्ता इस मौके को सिर्फ धार्मिक उत्सव के रूप में नहीं देख रहे हैं, बल्कि इसे “सिविक ट्रिब्यूट” और सिख मूल्यों — सेवा, सहिष्णुता और मानवता की सार्वभौमिक शक्ति के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं।


