Sindhudurg: छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना ने महाराष्ट्र में राजनीतिक और सामाजिक हलचल पैदा कर दी। इसके निर्माता जयदीप आप्टे को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है, जो एक सप्ताह से अधिक समय से फरार थे। इस मामले में लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया है।
जयदीप आप्टे की गिरफ्तारी
शिवाजी महाराज की प्रतिमा के निर्माणकर्ता जयदीप आप्टे, जो 26 अगस्त को (Sindhudurg) मालवन के राजकोट किले में गिरने वाली 35 फुट ऊंची प्रतिमा के कारण विवादों में आ गए थे, को कल्याण से गिरफ्तार किया गया। उनके खिलाफ पहले ही एक लुकआउट नोटिस जारी किया गया था।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
लापता आप्टे को पकड़ने के लिए पुलिस की पांच टीमें बनाई गई थीं। (Sindhudurg)सिंधुदुर्ग, ठाणे शहर और ठाणे ग्रामीण पुलिस के अधिकारी शाहपुर में उनके ससुराल वालों के निवास स्थान पर तलाशी कर रहे थे। अंततः, उन्हें कल्याण में ढूंढकर क्षेत्रीय डीसीपी के कार्यालय ले जाया गया।
अदालत में पेशी
एक अधिकारी ने बताया कि आप्टे को गुरुवार को अदालत में पेश किया जाएगा, जिसके बाद उनकी हिरासत सिंधुदुर्ग पुलिस को सौंपी जाएगी। इस घटना के कारण जनता में काफी आक्रोश है और इसका असर राजनीतिक क्षेत्र में भी महसूस किया जा रहा है।
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पाटिल की गिरफ्तारी
जयदीप आप्टे के अलावा, संरचनात्मक सलाहकार चेतन पाटिल को भी 30 अगस्त को कोल्हापुर से गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ भी लापरवाही और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
राजनीतिक विवाद
शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के बाद महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। महा विकास आघाडी के नेताओं ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र और राज्य सरकारों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए। प्रतिमा निर्माण और ठेका प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी पर सवाल उठाए गए हैं।