Telecom News:1 नवंबर, 2024 से, प्रमुख टेलिकॉम ऑपरेटर्स जैसे एयरटेल, जियो और वोडाफोन आइडिया (Vi) भारत में संदेशों की सुरक्षा और निगरानी में बड़े बदलाव लाने वाले हैं। टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने हाल ही में एक नए नियम का प्रस्ताव दिया है, जो टेलिकॉम ऑपरेटर्स को संदेशों को ट्रेस करने की क्षमता को अनिवार्य करेगा। इसका मुख्य उद्देश्य धोखाधड़ी और घोटालों की बढ़ती घटनाओं को नियंत्रित करना है, ताकि उपभोक्ताओं को सुरक्षित और विश्वसनीय संचार सेवा प्रदान की जा सके।
क्या OTP आना हो जाएँगे बंद?
नए नियम के तहत प्रत्येक एसएमएस (sms) और प्रमोशनल संदेश की बारीकी से निगरानी की जाएगी। हालांकि, इसका एक असर यह हो सकता है कि आवश्यक संदेशों जैसे , बैंकिंग ओटीपी और अन्य समय-संवेदनशील संदेशों की डिलीवरी में देरी हो सकती है। इस कारण से, कई यूजर्स इस बदलाव से प्परेशान हैं कि कहीं यह नई प्रणाली उनके ऑनलाइन लेनदेन पर कोई बुरा प्रभाव न डाले। बैंक ओटीपी के भी देर से पहुँचने की संभावना होने से यूजर्स को ऑनलाइन लेनदेन में रुकावट का सामना करना पड़ सकता है।
प्रमोशनल संदेशों के लिए सख्त दिशा निर्देश
TRAI के नए निर्देश के अनुसार, जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसे ऑपरेटर्स को बैंकों, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स और वित्तीय संस्थानों से आने वाले प्रमोशनल संदेशों पर नजर रखने की जरूरत होगी। यह कदम इस दिशा में उठाया गया है कि टेलीमार्केटिंग के जरिए भेजे जाने वाले संदेशों पर सख्ती बरती जा सके। इन संदेशों को एक मानकीकृत प्रारूप में होना चाहिए ताकि उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी के प्रयासों से सुरक्षित रखा जा सके। यह दिशा निर्देश टेलीमार्केटिंग के उन सभी संदेशों पर लागू होंगे जो नए ट्रेसिंग मानकों का पालन नहीं
टेलिकॉम कंपनियां करेंगी सख़्त मानकों का सामना
भारत में हर दिन लगभग 1.5 से 1.7 बिलियन व्यावसायिक संदेश भेजे जाते हैं। ऐसे में यह प्रणाली एक चुनौती भी प्रस्तुत करती है कि इस बड़े पैमाने पर संदेशों की निगरानी किस तरह की जाएगी। COAI (सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) ने TRAI से इस डेडलाइन को दो महीने आगे बढ़ाने की अपील की है ताकि इस नई प्रणाली को सुचारू रूप से लागू किया जा सके। COAI का मानना है कि यह अतिरिक्त समय टेलिकॉम ऑपरेटर्स को एक बेहतर और बिना किसी रुकावट के बदलाव सुनिश्चित करने में सहायक
कंपनियाँ TRAI के नये निर्देशों के पालन करने में जुट गई
1 नवंबर के करीब आते हुए, टेलिकॉम कंपनियाँ TRAI के निर्देशों को पूरा करने के लिए तैयारी में जुटी हैं। हालाँकि इस नई प्रणाली का उद्देश्य धोखाधड़ी पर नियंत्रण करना है, लेकिन संदेशों की विशाल मात्रा की निगरानी में यह प्रणाली कितनी सफल होगी, यह देखना दिलचस्प होगा।
निष्कर्ष
इन नए नियमों का लक्ष्य यूजर्स को धोखाधड़ी से बचाना और अनचाहे कॉल्स व संदेशों को नियंत्रित करना है, लेकिन साथ ही यह एक नए प्रकार की सुरक्षा चुनौती भी प्रस्तुत कर सकता है।