नई दिल्ली। देश भर में 11 मार्च को केंद्र सरकार द्वारा सीएए को लागू कर दिया गया है. लोकसभा चुनाव के पहले इस कदम से राजनीति सरगर्मी बढ़ गई है. इसको लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार को घेरने का काम कर रही है. सीएए को लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सीएए को एनआरसी और एनपीआर के साथ जोड़कर देखने की जरूरत है.
ओवैसी ने बीजेपी लगाया NPR और NRC
ओवैसी ने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि, गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में मेरा नाम लेकर नहीं कहा था कि एनआरसी और एनपीआर लागू किया जाएगा? यह सारी बातें रिकॉर्ड में हैं. बीजेपी का मुख्य उद्देश्य देश में एनआरसी और एनपीआर लागू करना है. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार ने CAA जारी करके चुनावी रुख मोड़ दिया है.
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‘CAA को लेकर भाजपा पर शक’- ममता बनर्जी
CAA को लेकर बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि, ‘ केंद्र सरकार ने सीएए लागू किया है. मुझे इस बात पर भी शक है कि इनके द्वारा लाया गया कानून वैध है या नहीं. केंद्र सरकार की इसको लेकर स्पष्टता नहीं है.’ ममता बनर्जी ने आगे कहा कि, ‘ इससे पहले 2019 में एनआरसी के नाम पर असम में 13 लाख बंगाली हिंदू को लिस्ट से हटा दिया था. इसके कारण कई लोगों ने आत्महत्या की, ऐसे में अगर वो अप्लाइ करेंगे तो क्या उनको नागरिकता मिलेगी, उनके बच्चों का भविष्य कैसा होगा. उनकी संपत्ति का क्या होगा? आप सभी के अधिकार छीन लिए जाएंगे और आपको अवैध घोषित कर दिया जाएगा. कोई अधिकार उनके पास नहीं बचेगा. ऐसे में केंद्र सरकार सुन ले, मैं बंगाल से किसी को भी नहीं जाने दूंगी ‘