Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 विधानसभा में पारित, UCC बिल पास करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड

Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 उत्तराखंड विधानसभा में पारित, UCC बिल पास करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा में देश का पहला (Uniform Civil Code)समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 पारित हो गया। इससे पहले ड्राफ्ट समिति ने 2 फरवरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फाइनल ड्राफ्ट रिपोर्ट सौंपी थी। जिसके बाद 4 फरवरी को कैबिनेट से ड्राफ्ट को मंजूरी मिल गई। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद ड्राफ्ट को विधेयक के रुप में सदन में पेश किया गया। जिसे दो दिनों की लंबी चर्चा के बाद पारित कर दिया गया। इसके बाद अब यह राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति के पास जाएगा, जहां राष्ट्रपति से मंजूरी के बाद इसे कानून रूप में राज्य में लागू कर दिया जाएगा।

इन राज्यों में भी लागू होगा Uniform Civil Code

उत्तराखंड सरकार द्वारा पारित यह नया विधेयक भाजपा शासित अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल की तरह है। समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) विधेयक को विधानसभा में पारित कराकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अन्य भाजपा शासित राज्यों के सामने लकीर खींच दी है। क्योंकि यह बड़े लंबे समय से पार्टी के लिस्ट में है। ऐसे में माना जा रहा है राज्य के बाद अन्य ऐसे राज्य जहां भाजपा शासन में है वहां वो यूसीसी लागू करने पर जोड़ देगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तराखंड के बाद भाजपा सरकार यूसीसी बिल असम विधानसभा में भी पेश कर सकती है। उधर राजस्थान सरकार ने भी यूसीसी लाने का एलान किया है।

UCC : लिव-इन रिलेशनशिप के लिए अब नया कानून, ये नहीं किया तो हो सकती है मुसीबत

सभी के लिए एक समान संहिता : धामी

Uniform Civil Code विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने इससे सरकार की जल्दीबाजी करार देते हुए प्रवर समिति को भेजने की मांग की। लेकिन विपक्ष की यह मांग खारिज हो गई। सरकार द्वारा बताया गया कि विधेयक में सभी धर्म-समुदायों में विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक कानून का प्रावधान किया गया है। इसके साथ साथ इसमें महिला-पुरुषों को समान अधिकारों की सिफारिश की गई है। हालांकि अनुसूचित जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है। विधेयक को लेकर मुख्यमंत्री धामी ने कहा, अब अन्य राज्यों को भी इस दिशा में प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार गंगा सबके लिए सुखदायी है, उसी तरह यह यूसीसी भी भविष्य में मातृशक्ति के साथ साथ पूरे समाज के लिए सुखद होगा।

Exit mobile version