UP News : उत्तर प्रदेश में सरकार के एक विशेष निर्देश को पूरा करने में असफल रहने वाले सरकारी कर्मचारियों की सितंबर महीने की सैलरी प्रभावित हो सकती है, और ऐसा होने वाले कर्मचारियों की संख्या एक लाख से अधिक हो सकती है।
अगले महीने त्योहारों का समय है, और अगर यह स्थिति बनी रही, तो लाखों लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। यह मामला संपत्ति का ब्यौरा देने से संबंधित है। सरकार ने पहले ही कर्मचारियों को रियायत देते हुए ब्यौरा जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी थी, लेकिन इसके बावजूद अभी तक पूरा ब्यौरा प्राप्त नहीं हुआ है।
कर्मचारियों के साथ डीटीओ को भी देना होगा जवाब
सरकारी कर्मचारियों द्वारा संपत्ति का विवरण न देने पर योगी सरकार संबंधित डीडीओ के वेतन को लेकर सख्त कदम उठा सकती है। मुख्य सचिव के आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ‘मानव संपदा पोर्टल’ पर संपत्ति का ब्यौरा देने वाले कर्मचारियों को ही सितंबर महीने का वेतन जारी किया जाएगा। इसके अलावा, इस मामले की समीक्षा की जिम्मेदारी डीडीओ (ड्राइंग और डिस्बर्सिंग ऑफिसर) को सौंपी गई है, और उन्हें भी जवाबदेह बनाया गया है।
एक लाख से ज़्यादा कर्मचारियों से मांगा गया ब्यौरा
यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने स्पष्ट आदेश जारी करते हुए कहा है कि सभी कर्मचारियों के लिए अपनी चल और अचल संपत्ति का विवरण देना अनिवार्य है। मुख्य सचिव के अनुसार, 12 सितंबर तक 8,44,374 राज्य कर्मचारियों में से 7,19,807 ने अपना विवरण प्रस्तुत कर दिया था। इस आंकड़े के अनुसार, अब तक एक लाख से अधिक कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने अपनी संपत्ति की जानकारी नहीं दी है।