नई दिल्ली: 90’s का वो दश्क जब कई सुपरस्टार अपने करियर को ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए तरह-तरह के किरदार प्ले कर रहे थे। आज जिनके नाम के चर्च आप हर अख़बार और न्यूज चैनल्स पर देखते हैं। शुरुआत में उनका स्टारडम ऐसा नहीं हुआ करता था। 90’s के ऐसे कई किस्से रहे हैं जिनके बारे में बात करना हमेशा दिलचस्प रहा है लेकिन आज हम बात करने जा रहे हैं शाहरुख खान और सनी देओल (Sunny Deol) के बीच हुए झगड़े की।
आखिर ऐसा क्या हुआ था जिसके बाद सनी देओल (Sunny Deol) और शाहरुख खान ने 16 सालों तक एक दूसरे से न तो कोई बात की थी और न ही किसी फिल्म में साथ काम किया। इसकी शुरुआत हुई थी साल 1993 में आई सुपरहिट फिल्म डर के सेट से। जहां अक्सर फिल्मों की कहानी में विलेन से ज्यादा हीरो इम्पैक्ट छोड़ते आ रहे हैं तो वहीं साल 1993 ठीक इसके अपोजिट देखा गया था।
फिल्म के डायरेक्टर यश चोपड़ा ने पहली बार किसी विलेन को हीरो से ज्यादा लाइमलाइट लूटते हुए दिखाया था। डर फिल्म के विलेन का क्रेज इतना ज्यादा इम्पैक्टफुल रहा था, कि कई बार न्यूज पेपर्स में इस फिल्म के विलेन वाले किरदार से इंस्पायर होकर कानूनन अपराध करने वाले लोगों के किस्से सुने और पढ़े जाते थे। विलेन के किरदार को शाहरुख खान ने बखूबी निभाया था।
चलिए अब बताते हैं आखिर किस वजह के चलते शाहरुख और सनी के बीच हो गया था मनमुटाव। आज से ठीक 30 साल पहले शाहरुख खान ने निगेटिव किरदार निभाया था, वहीं उनके साथ सनी देओल (Sunny Deol) एक स्ट्रांग और रोमांटिक रोल प्ले करते हुए नज़र आ थे, लेकिन उसी दौरान फिल्म के सेट पर कुछ ऐसा हुआ था जिससे शाहरुख और सनी के बीच दरार आ गई थी। दोनों स्टार्स के बीच मनमुटाव इतना बढ़ गया था कि 16 सालों तक बात नहीं हुई थी।
दरअसल इस फिल्म में सनी देओल को कमांडो की भूमिका में दिखाया गया था। कमांडो जो कि बेहद स्ट्रांग माने जाते हैं, उस पर ऐसे कोई विलेन चाकू से कैसे हमला कर सकता है। बस इस बात पर सनी देओल को गुस्सा आ गया था। फिल्म में सनी देओल (Sunny Deol) को विलेन शाहरुख खान के हाथों से चाकू खाना था लेकिन सनी इसी सीन से सहमत नहीं हो पा रहे थे। उनका कहना था कि एक कमांडो जो कि इतना फिट है उसे ऐसे कोई चाकू कैसे मार सकता है।
एक इंटरव्यू में खुद सनी देओल ने इसका खुलासा करते हुए बताया था, कि फिल्म के क्लाइमेक्स में जिस तरह से विलेन को हीरो से बढ़कर दिखाने की कोशिश हो रही थी। मुझे उससे नाराजगी थी। इसे लेकर यश चोपड़ा से मेरी बहस भी हुई थी। मैंने ये समझाने की कोशिश की थी कि मैं फिल्म में एक कमांडो ऑफिसर हूं। ऐसे में मुझे एक विलेन सामने से कैसे मार सकता है ? अगर मैं उसकी तरफ नहीं देखता हूं तो हो सकता है ये पॉसिबल हो, लेकिन अगर मैं उसे देख रहा हूं और मैं कमांडो हूं तो वह मुझे चाकू मार ही नहीं सकता। फिर मैं किस बात का कमांडो।
सनी ने आगे बताया था कि, जब यश चोपड़ा ने मेरी बात नहीं मानी थी तो मुझे गुस्सा आ गया था और मैंने कब अपने हाथ से ही अपनी पैंट फाड़ दी पता नहीं चला। कहा जाता है कि इसके बाद फिल्म रिलीज होने के 16 साल बाद तक शाहरुख और सनी में कोई बात नहीं थी, लेकिन सनी देओल के बेटे करण देओल की डेब्यू फिल्म पल-पल दिल के पास से दोनों दोनों सुपरस्टार के रिश्तों में सुधार आया था।
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करण देओल की डेब्यू फिल्म पल-पल दिल के पास का टीजर जब रिलीज हुआ था। उस वक्त शाहरुख खान ने ट्विटर पर करण देओल को बधाई दी थी, जिस पर सनी देओल ने भी रिप्लाई किया था।