CMS Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शिक्षा के क्षेत्र में अपना एक विशिष्ट स्थान रखने वाले सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (CMS) के भविष्य को लेकर हाल ही में एक बड़ी अफवाह ने जन्म लिया। सोशल मीडिया पर यह चर्चा जोरों पर थी कि एशिया के सबसे बड़े स्कूलों में से एक, सीएमएस समूह को दिग्गज उद्योगपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाला अडानी ग्रुप खरीदने जा रहा है। इस खबर के वायरल होते ही शिक्षा जगत और अभिभावकों के बीच हलचल मच गई।
हालांकि, अब इन तमाम चर्चाओं पर विराम लग गया है। सिटी मॉन्टेसरी स्कूल के प्रबंधन ने एक आधिकारिक बयान जारी कर इन सभी खबरों का खंडन किया है। प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि अडानी समूह द्वारा स्कूल को खरीदने की खबरें पूरी तरह से असत्य, भ्रामक और निराधार हैं।
सीएमएस प्रबंधन ने अफवाहों को नकारा
CMS Lucknow की 21 शाखाएँ हैं, जिनमें लगभग 64 हजार छात्र-छात्राएँ अध्ययन करते हैं। छात्रों की संख्या और शाखाओं के मामले में यह स्कूल एशिया में अपनी पहचान रखता है। इस प्रतिष्ठित संस्थान को अडानी समूह द्वारा खरीदे जाने की खबरें तेजी से फैलीं, लेकिन कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी।
अब, CMS Lucknow के कम्युनिकेशन्स हेड ऋषि खन्ना ने इन चर्चाओं को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर चल रही ये सभी खबरें गलत हैं। सीएमएस प्रबंधन ने साफ शब्दों में कहा है कि ऐसी सभी खबरें पूरी तरह से असत्य और निराधार हैं।
ऋषि खन्ना ने बयान जारी करते हुए कहा, “सिटी मोन्टेसरी स्कूल ऐसी झूठी अफवाहों की कठोर शब्दों में निंदा करता है। हम जनमानस से अपील करते हैं कि ऐसी आधारहीन खबरों पर कतई विश्वास न करें और न ही उसे आगे फैलाएं।”
गैर-लाभकारी संस्था को बेचने का सवाल नहीं
इस तरह की फर्जी खबरों पर दुख व्यक्त करते हुए CMS Lucknow की प्रबन्धक प्रो. गीता गांधी किंगडन ने एक भावुक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उनके पिताजी, स्वर्गीय जगदीश गांधी, ने जीवन भर अनासक्ति, त्याग और तपस्या का आचरण करते हुए कठोर परिश्रम किया था। उन्होंने चरित्र निर्माण और मानवता की सेवा पर केन्द्रित एक गैर-लाभकारी विद्यालय की स्थापना इसलिए नहीं की थी कि उसे किसी कार्पोरेट संस्था को बेच दिया जाए।
गौरतलब है कि सिटी मॉन्टेसरी स्कूल की स्थापना वर्ष 1959 में शिक्षाविद जगदीश गांधी और उनकी पत्नी डॉ. भारती गांधी ने लखनऊ स्थित अपने आवास के एक कमरे में मात्र 5 छात्रों और 300 रुपये की शुरुआती पूंजी से की थी। स्कूल प्रबंधन का यह स्पष्टीकरण अफवाहों पर पूर्ण विराम लगाता है और यह पुष्टि करता है कि स्कूल अपनी मूल पहचान और सिद्धांतों पर कायम रहेगा।



