Toll Plaza violence: टोल टैक्स न देने के चक्कर में दबंगई पड़ गई भारी,कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सख्त सजा

बरेली में 2019 के टोल प्लाजा मारपीट मामले में पांच युवकों को उम्रकैद और ₹50,000 जुर्माने की सजा सुनाई गई। टोल टैक्स न देने पर उन्होंने टोल कर्मियों के साथ मारपीट की थी। जज ने इसे सरकार और कानून को चुनौती मानते हुए कड़ा संदेश दिया, कानून से ऊपर कोई नहीं।

Toll Plaza violence: उत्तर प्रदेश के बरेली से एक बड़ी खबर आई है जहां 6 साल पुराने टोल प्लाजा मारपीट मामले में पांच युवकों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। यह मामला 2019 का है, जब टोल टैक्स न देने को लेकर कुछ लोगों ने टोल कर्मियों के साथ बदतमीजी की और फिर मारपीट पर उतर आए। इस घटना में पांच टोलकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए थे।

क्या था मामला

2019 में बरेली नैनीताल हाईवे पर भोजीपुरा टोल प्लाजा पर यह घटना हुई थी। आरोपियों ने टोल टैक्स देने से इनकार किया थ। पहले टोल कर्मियों से बहस की और फिर उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इस दौरान पांच टोलकर्मी बुरी तरह घायल हो गए थे। मामले की शिकायत पुलिस तक पहुंची और आरोपियों पर केस दर्ज हुआ था।

जज ने क्यों सुनाई इतनी सख्त सजा?

फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज रवि दिवाकर ने इस मामले को सिर्फ मारपीट नहीं, बल्कि सरकार और कानून को चुनौती मानते हुए सनी, रजत, विनोद मौर्य, अंकित भारती और सुमित नाम के पांचों युवकों को उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके अलावा सभी पर 50,000 का जुर्माना भी लगाया गया।

जज साहब ने अपने फैसले में कहा

हाईवे आपकी और देश की सुविधा के लिए बनाए जाते हैं। टोल टैक्स सरकार के विकास कार्यों के लिए बेहद जरूरी है। इसे न देना और टोल कर्मियों के साथ मारपीट करना सरकार और जनता दोनों के साथ अन्याय है।

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आरोपियों का पछतावा

सजा सुनते ही पांचों युवक अदालत में ही रोने लगे और अपने किए पर अफसोस जताने लगे। लेकिन अब उन्हें अपनी सजा जेल में काटनी होगी।

कानून से ऊपर कुछ नहीं

यह फैसला साफ तौर पर बताता है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। टोल टैक्स न देना और टोल कर्मियों के साथ मारपीट करना सिर्फ गुंडई नहीं बल्कि देश के विकास में रुकावट डालने जैसा है।जब भी आप हाईवे पर सफर करें, टोल टैक्स जरूर दें। यह छोटा सा योगदान देश के विकास में बड़ी भूमिका निभाता है।

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