दादी-नानी की यह पारंपरिक चटनी फाइबर और विटामिन से भरपूर होकर खाने के स्वाद और सेहत दोनों को बेहतरीन बनाए रखती है

सर्दियों में दादी मां की पारंपरिक मूली चटनी खाने का आनंद दोगुना हो जाता है। यह रेसिपी स्वाद के साथ पाचन को भी बेहतर बनाती है और रोज़मर्रा के खाने में एक अनोखा देसी ट्विस्ट जोड़ती है।

Mooli Ki Chutney Recipe: सर्दियों के मौसम में मूली सिर्फ सलाद या सब्जी के रूप में नहीं, बल्कि एक स्वादिष्ट और पौष्टिक चटनी मूली की चटनी के रूप में भी बनाई जा सकती है। इसे घर पर आसानी से तैयार किया जा सकता है और खाने के साथ परोसे जाने पर स्वाद के साथ पाचन एवं सेहत का भी ख्याल रखा जा सकता है।

INGREDIENTS (सामग्री)

विधि सरल है- मूली कद्दूकस करके अतिरिक्त पानी निकाल लें, फिर उसे दही, हरी मिर्च, धनिया और अखरोट के साथ अच्छी तरह मिलाएँ। अगर चाहें, तो दही को कमरे के तापमान पर थोड़ा गाढ़ा रखें। स्वाद और कंसिस्टेंसी के अनुसार, चटनी को मोटा या थोड़ा पतला भी किया जा सकता है। रोटी, पराठा, दाल-चावल या स्नैक्स के साथ इसे परोसना सबसे अच्छा रहता है।

सेहत और स्वाद दोनों का मेल

पाचन व इम्यूनिटी में मददगार

मूली में उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जिससे पाचन शक्ति सुधरती है और पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे कब्ज या गैस में राहत मिल सकती है। साथ ही, मूली में विटामिन-C और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो इम्युनिटी को मजबूती देने में सहायक होते हैं। 

हल्का और स्वादिष्ट

दही, हरी मिर्च, धनिया और अखरोट के मिश्रण से बनी यह चटनी तीखी, खट्टी व हल्की होती है, जो किसी भी सादी खाने को भी स्वादिष्ट बना देती है। पराठा, रोटी या दाल-चावल के साथ इसका स्वाद कई गुना बढ़ जाता है, जिससे रोजमर्रा के भोजन में एक नया और कम खर्चीला विकल्प जुड़ जाता है। 

क्यों है ये रेसिपी ‘दादी-नानी का सीक्रेट’

सर्दियों में मूली की चटनी न सिर्फ आपके भोजन को स्वादिष्ट बनाती है, बल्कि पाचन, इम्यूनिटी और सामान्य सेहत के लिए भी अच्छा विकल्प है। अगर आप पारंपरिक व्यंजनों के साथ हल्का और पौष्टिक जोड़ना चाहते हैं, तो यह रेसिपी आपके लिए बिलकुल उपयुक्त है। अगली बार रोटी-दाल या पराठे बना रहे हों, तो थोड़ी सी मूली की चटनी ज़रूर ट्राय करें — स्वाद और फ़ायदे दोनों का मज़ा मिलेगा।

Exit mobile version