Coriander Gardening: धनिया (Coriander) भारतीय रसोई का एक अनिवार्य हिस्सा है, जिसका उपयोग सलाद, चटनी, दाल-सब्ज़ियों और सजावट में किया जाता है। हालांकि बाजार से हरा धनिया लेने पर उसकी ताज़गी हमेशा बनी नहीं रहती और जल्दी सूख जाता है। ऐसे में घर पर गमले में धनिया उगाना एक बढ़िया विकल्प बन गया है जो आपको निरंतर ताज़ा पत्ता उपलब्ध कराता है। गार्डनिंग एक्सपर्ट्स ने इसके कुछ आसान और प्रभावी तरीके सुझाए हैं जिन्हें अपनाकर पौधा लंबे समय तक हरा-भरा रह सकता है।
सही गमला और मिट्टी का चयन
धनिया के लिए गमला चुनते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि वह कम-से-कम 8-10 इंच गहरा और चौड़ा हो ताकि जड़ें अच्छी तरह फैल सकें। इसके नीचे जलनिकासी होल्स भी होने चाहिए ताकि अतिरिक्त पानी बाहर निकल सके और जड़ें सड़ें नहीं।
मिट्टी के लिए हल्की, भुरभुरी और पानी को नियंत्रित रूप से रोकने वाली पॉटिंग मिक्स का चयन करें। इसमें गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट मिलाने से पौधे को पोषक तत्व मिलते हैं और मिट्टी ढीली रहती है।
बीज बोने की सरल विधि
धनिया के बीज को हल्का सा दबाकर दो हिस्सों में फोड़ देना अंकुरण में मदद करता है। अच्छी क्वालिटी और ताज़े बीज का चयन ही पहले कदम में सफलता सुनिश्चित करता है। बीज को मिट्टी की सतह पर लगभग 1/4-1/2 इंच गहराई में बोएं और हल्की मिट्टी से ढक दें। बीज बोने के बाद मिट्टी को नम रखें — न ज़्यादा गीली और न बिल्कुल सूखी — और हल्की धूप वाली जगह पर गमला रखें। धूप में कम-से-कम 4-5 घंटे की रोशनी देना धनिये की वृद्धि के लिए आवश्यक है।
पानी और देखभाल का सही समय
धनिया को नियमित लेकिन संयमित पानी देना चाहिए। सप्ताह में 2-3 बार हल्का पानी देना पर्याप्त है, ताकि मिट्टी में नमी स्थिर रहे लेकिन पानी जमा न हो। ज्यादा पानी से जड़ें सड़ सकती हैं और पौधा मुरझा सकता है।
खाद और पोषण का महत्व
बीज बोने के 2-3 सप्ताह बाद हल्की जैविक खाद देना धनिये की वृद्धि और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। वर्मी कम्पोस्ट या गोबर की खाद मिट्टी के पोषण स्तर को बढ़ाती है जिससे पौधा लंबे समय तक हरा-भरा रहता है।
कटाई और उपयोग
लगभग 30-40 दिनों में धनिया के पत्ते कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं। कटाई करते समय जड़ को न काटें; केवल ऊपर से पत्तियों को हटा दें ताकि नया विकास जारी रहे। इससे पौधा बार-बार उपयोग के लिए उपलब्ध रहेगा।
गमले में धनिया उगाना न केवल आपके किचन गार्डन को सुंदर बनाता है, बल्कि यह स्वास्थ्यकर और स्वादिष्ट हरी पत्तियाँ भी प्रदान करता है। सही गमला, मिट्टी, बीज, धूप, पानी तथा खाद के संतुलन से धनिया का पौधा सालों तक हरा-भरा रह सकता है। इन आसान उपायों को अपनाकर आप बाजार जाने की आवश्यकता लगभग समाप्त कर सकते हैं और हर रोज़ ताज़ा धनिये का उपयोग कर सकते हैं।
