Sarso Ka Saag Recipe: पंजाब का पारंपरिक व्यंजन सरसों का साग सर्दियों के मौसम में घर-घर में बनाई और पसंद की जाने वाली डिश है। ठंड के चलते शरीर को गर्माहट और ऊर्जा देने के साथ-साथ यह स्वाद में भी लाजवाब होती है। खासकर जब इसे पंजाबी ढाबा स्टाइल में बनाया जाता है, तो स्वाद और भी अधिक बढ़ जाता है। इस रेसिपी में सरसों के संग पत्तेदार हरी सब्जियों का संतुलित मिश्रण, मसाले और मक्के के आटे का उपयोग इसे खास बनाता है।
सामग्री और तैयारी
सरसों के साग को सामान्य रूप से सरसों, पालक और बथुए के पत्तों का मिश्रण बनाकर तैयार किया जाता है। सर्दियों के बाजार में ये पत्तेदार सब्ज़ियां ताज़ा मिलती हैं और इनका पोषण भी अधिक होता है। इस डिश को बनाने के लिए मुख्य सामग्री में शामिल हैं:
- सरसों का साग – 750 ग्राम
- पालक और बथुआ – 250–250 ग्राम
- मक्के का आटा – 1½ कप
- हरी मिर्च, अदरक, लहसुन और प्याज
- मसाले: लाल मिर्च पाउडर, गरम मसाला, धनिया पाउडर
- घी या तेल और कुछ पानी
ये सामग्रियाँ मिलकर स्वाद और पौष्टिकता दोनों बढ़ाती हैं।
बनाने की आसान विधि
सबसे पहले सरसों, पालक और बथुए को अच्छी तरह धोकर साफ कर लें। इन्हें एक साथ प्रेशर कुकर में थोड़ा नमक और 2 कप पानी डालकर धीमी आंच पर पकाएँ। पकने के बाद सारा पानी अलग रखें और साग को अच्छी तरह मैश करें। अब इसमें मक्के का आटा मिलाएँ और फिर साग वाला पानी डालकर थोड़ी देर गाढ़ा होने तक पकाएँ। एक पैन में थोड़ा घी या तेल गरम करें। इसमें प्याज, अदरक, लहसुन और मसाले डालकर सुनहरा भूरा होने तक भूनें। फिर इस तड़के को साग में मिलाएँ और अच्छी तरह मिलाएं। जब साग तैयार हो जाए, तब इसे गरमा-गरम मक्के की रोटी, देसी घी या मक्खन के साथ परोसें। यह संयोजन सर्दियों में शरीर को गर्माहट देने के साथ-साथ पोषण भी प्रदान करता है।
स्वास्थ्य और स्वाद का मेल
सरसों का साग न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक माना जाता है। इसमें मौजूद हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ आयरन, विटामिन और फाइबर का अच्छा स्रोत हैं, जो ठंड के मौसम में प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाए रखने में सहायक हैं।
यह व्यंजन पंजाबी खाने का एक पहचान है और इसे खास मौकों पर या सर्दियों के मौसम में रोज़ के खाने के साथ जोड़कर भी परोसा जाता है। पारंपरिक रूप से मक्के की रोटी के साथ इसका स्वाद सर्वोत्तम माना जाता है।
