Tomato Plantation: सर्दियों के मौसम में टमाटर उगाना ज्यादातर लोगों को चुनौतीपूर्ण लगता है, लेकिन सही तरीके अपनाकर इसे बेहद आसान बनाया जा सकता है। घर की बालकनी या छत पर गमलों में टमाटर उगाकर ताज़ी और जैविक सब्ज़ियां हासिल की जा सकती हैं। विंटर में तापमान कम होने के कारण पौधे की ग्रोथ धीमी होती है, लेकिन थोड़ी सी देखभाल से भरपूर फल मिल सकते हैं।
सही गमला और मिट्टी का चुनाव
टमाटर के पौधों को गहरी जड़ें चाहिए होती हैं, इसलिए कम से कम 12–14 इंच का गमला चुनना जरूरी है। मिट्टी को भुरभुरी और पोषक तत्वों से भरपूर रखना सबसे महत्वपूर्ण कदम है। गमले की मिट्टी में 40% गार्डन सॉइल, 30% कम्पोस्ट और 30% रेत या कोकोपीट मिलाने से पौधा तेजी से बढ़ता है। मिट्टी में ड्रेनेज की उचित व्यवस्था पौधे को सड़ने से बचाती है।
बीज या नर्सरी पौधे का उपयोग
यदि आप बीज से पौधा उगाना चाहते हैं तो उन्हें पहले ट्रे में अंकुरित करें और लगभग 15–20 दिन बाद गमले में शिफ्ट करें। नर्सरी से तैयार पौधा लेकर लगाने पर समय की बचत होती है और परिणाम भी जल्दी मिलते हैं। पौधे को गमले में लगाते समय हल्का-सा दबाकर जड़ों को सेट करना जरूरी है।
धूप और तापमान का ध्यान
टमाटर के पौधों को सर्दियों में कम से कम 5–6 घंटे की धूप चाहिए होती है। यदि धूप कम मिलती है, तो पौधा कमजोर होने लगता है और फल नहीं बनते। बहुत ज्यादा ठंड के दिनों में पौधे को रात के समय घर के अंदर या किसी गर्म स्थान पर रखकर ठंडी हवाओं से बचाना फायदेमंद होता है।
पानी और खाद का सही प्रयोग
सर्दियों में पौधों को बहुत ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती। मिट्टी थोड़ी सूखी लगे तभी हल्का पानी दें। गमले की मिट्टी को गीला रखने से जड़ें सड़ सकती हैं। हर 12–15 दिन के अंतराल पर जैविक खाद (कम्पोस्ट या तरल खाद) देने से पौधा स्वस्थ रहता है। फूल आने के बाद पोटाश की मात्रा बढ़ाने से फलन बेहतर होता है।
पौधे की नियमित कटिंग और सपोर्ट जरूरी
टमाटर का पौधा फैलावदार होता है, इसलिए शुरुआती दिनों में ही उसे लकड़ी या स्टैंड का सहारा देना चाहिए। सूखे और पीले पत्तों को समय-समय पर हटाने से पौधे की ऊर्जा फल बनाने में लगती है।
अगर इन सरल तरीकों का पालन किया जाए तो विंटर में भी घर पर ही ताज़े, रसीले और स्वादिष्ट टमाटर की भरपूर फसल मिल सकती है।



