किसने बनाया 1 रुपये में खाना पकाने वाला चूल्हा बिना गैस और बिजली के जानिए कैसे बनेगा खाना

बिहार के लोहार अशोक ठाकुर ने ऐसा चूल्हा बनाया है, जिसमें पैडी हस्क जलाकर सिर्फ 1 रुपये में खाना पकाया जा सकता है। यह सस्ता, सरल और पर्यावरण के अनुकूल उपाय है, जिसे अब सरकार भी बढ़ावा दे रही है।

Ashok Thakur low cost eco friendly stove innovation: आज के दौर में गैस सिलेंडर, बिजली या लकड़ी से खाना पकाना काफी महंगा पड़ता है। ऐसे में अगर कोई कहे कि आप सिर्फ 1 रुपये में अपने पूरे परिवार का खाना बना सकते हैं, तो यकीन करना थोड़ा मुश्किल होगा। लेकिन यह बिलकुल सच है। बिहार के मोतिहारी जिले के रहने वाले एक लोहार ने ऐसा अनोखा चूल्हा बनाया है जिसमें खाना पकाने की कुल लागत सिर्फ 1 रुपये आती है।

मोतिहारी के अशोक ठाकुर का अनोखा आविष्कार

मोतिहारी के अशोक ठाकुर, जो पेशे से लोहार हैं, ने एक खास तरह का चूल्हा तैयार किया है। वो मीना बाजार इलाके में अपनी छोटी सी दुकान पर लोहे के औजार बनाते हैं, लेकिन उनके इस जुगाड़ू दिमाग ने कुछ ऐसा कर दिखाया है जो हर आम इंसान के बहुत काम का है।

क्या है इस चूल्हे की खासियत

अशोक ठाकुर ने जो चूल्हा बनाया है, उसमें लकड़ी, गैस या बिजली की जरूरत नहीं पड़ती। इसमें ईंधन के तौर पर पैडी हस्क (धान की भूसी) का इस्तेमाल होता है, जो गांवों में मात्र 1 रुपये प्रति किलो में मिल जाती है। इस 1 किलो हस्क में आप छोटे परिवार के लिए पूरा खाना बना सकते हैं।दाल, चावल, सब्जी सब कुछ।

कीमत और लाभ

इस चूल्हे की कीमत सिर्फ 800 रुपये है, जो एक बार की खरीदारी है। इसके बाद हर दिन सिर्फ 1 रुपये में खाना बनाना संभव हो जाता है। खास बात यह है कि इस चूल्हे से धुआं भी कम निकलता है और इसे चलाना बेहद आसान है।

राष्ट्रपति से मिला सम्मान

अशोक ठाकुर के इस आविष्कार को राष्ट्रपति द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है। उनके इस इनोवेशन को अब बड़े स्तर पर बढ़ावा दिया जा रहा है। कृषि विभाग भी किसानों को यह चूल्हा सब्सिडी पर उपलब्ध करा रहा है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में इसका अधिक से अधिक उपयोग हो सके।

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किसानों और ग्रामीण परिवारों के लिए वरदान

इस चूल्हे का मकसद न केवल सस्ता ईंधन देना है, बल्कि पैडी हस्क जैसी बेकार चीज का सही उपयोग भी करना है। इससे किसानों को दोहरा फायदा होता है – ईंधन सस्ता भी मिल जाता है और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता।

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