Summer Milk Care Tips : गर्मियों के मौसम में तापमान बढ़ने के साथ ही दूध को ज्यादा समय तक ताजा रखना मुश्किल हो जाता है। जब घर में फ्रिज नहीं हो, तब यह और भी बड़ी परेशानी बन जाती है। दूध जल्दी फटने लगता है जिससे न केवल उसका स्वाद बिगड़ता है, बल्कि यह सेहत के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है। मगर घबराने की बात नहीं है, कुछ आसान देसी उपायों से आप दूध को बिना फ्रिज के भी लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं।
तांबे या पीतल के बर्तन में रखें दूध
पुराने समय से ही यह परंपरा रही है कि दूध को तांबे या पीतल के बर्तन में रखा जाए। इन धातुओं में ऐसे प्राकृतिक गुण होते हैं जो बैक्टीरिया की वृद्धि को धीमा कर देते हैं। इससे दूध जल्दी खराब नहीं होता और ज़्यादा देर तक ताज़ा बना रहता है।
तुलसी की पत्तियां डालें दूध में
तुलसी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं। जब आप दूध में 2-3 तुलसी की पत्तियां डालते हैं, तो यह दूध को फटने से बचाने में मदद करती हैं। अच्छी बात ये है कि तुलसी से दूध का स्वाद भी नहीं बदलता।
थोड़ी सी बेकिंग सोडा डालें
अगर आप चाहें तो दूध में एक चुटकी बेकिंग सोडा मिला सकते हैं। यह दूध का pH बैलेंस बनाए रखता है जिससे वह जल्दी खराब नहीं होता। ध्यान रखें, बेकिंग सोडा की मात्रा बहुत कम होनी चाहिए
दूध को ज़रूरत से ज़्यादा न उबालें
बहुत से लोग यह सोचते हैं कि बार-बार दूध उबालने से वह लंबे समय तक टिकेगा, लेकिन ऐसा करने से उसकी गुणवत्ता घट जाती है और उसमें बैक्टीरिया भी पनप सकते हैं। दिन में एक या दो बार उबालना काफी होता है।
दूध को ठंडी और छांव वाली जगह पर रखें
अगर आपके पास फ्रिज नहीं है, तो दूध को ऐसी जगह रखें जहां धूप न आती हो और हवा चलती हो। ठंडी और हवादार जगह पर दूध का तापमान नियंत्रित रहता है जिससे वह देर से खराब होता है।
मिट्टी का बर्तन करें इस्तेमाल
मिट्टी के मटके या कुल्हड़ में दूध रखने से वह ठंडा बना रहता है। इन बर्तनों में प्राकृतिक ठंडक रहती है, जिससे दूध जल्दी खराब नहीं होता और आप उसे कुछ घंटों तक आराम से इस्तेमाल कर सकते हैं।
गर्मियों में बिना फ्रिज के दूध को सुरक्षित रखने के लिए तांबे के बर्तन, तुलसी पत्तियां, मिट्टी का मटका और सही तापमान जैसी देसी उपाय बेहद कारगर हैं।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। news1india इन मान्यताओं की पुष्टि नहीं करता है। यहां पर दी गई किसी भी प्रकार की जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य ले लें।