World Emoji Day : समय के साथ लोगों के बातचीत के तरीकों में बदलाव आया है। पहले लोग घंटों फोन पर बातें करते थे, लेकिन अब ज्यादातर लोग कॉल की बजाय व्हाट्सएप और अन्य मैसेजिंग ऐप्स पर चैट करना पसंद करते हैं। इस चैट में टेक्स्ट के मुकाबले अब इमोजी और स्माइली का इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है, खासकर युवाओं में। अब इमोजी का इस्तेमाल सिर्फ हंसी के इज़हार तक सीमित नहीं रहा, बल्कि लोग अपनी भावनाओं और फीलिंग्स को व्यक्त करने के लिए भी इमोजी का सहारा ले रहे हैं।
अब इमोजी का इस्तेमाल मजेदार चैट्स के लिए तो किया जा रहा है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इमोजी का रंग हमेशा पीला क्यों होता है, लाल या काला क्यों नहीं? आज, वर्ल्ड इमोजी डे (2024) के मौके पर हम आपको बताते हैं कि इमोजी का रंग पीला क्यों होता है।
जानें इसके पीछे की दिलचस्प वजह
फोन पर बात करने की बजाय लोगों ने चैट्स को ज्यादा सहज और आसान समझा, और अब लोग टेक्स्ट की जगह इमोजी से अपनी बातचीत करना पसंद करते हैं। इमोजी के जरिए व्यक्ति अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से व्यक्त कर पाता है, जैसे हंसी के लिए हंसी वाली इमोजी, दुख के लिए रोने वाली इमोजी, और गुस्से के लिए गुस्से वाली इमोजी। यही कारण है कि इमोजी का क्रेज़ तेजी से बढ़ा है और अब लोग इमोजी से कस्टमाइज्ड टी-शर्ट भी बनवाने लगे हैं।
पीले रंग का चुनाव क्यों हुआ? दरअसल, इमोजी का पीला रंग हमारी स्किन टोन से मेल खाता है, जिससे लोग इसे जल्दी पहचान और कनेक्ट कर पाते हैं। जब कोई व्यक्ति मुस्कुराता या हंसता है तो उसका चेहरा पीला दिखता है, इस वजह से भी इमोजी को पीला रंग दिया गया। इसके अलावा, पीला रंग काफी वाइब्रेंट और खुशी का प्रतीक माना जाता है, जो इमोजी का रंग चुनने का एक और कारण है।
हालांकि हम रोज़ कई इमोजी का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला इमोजी है “खुशी के आंसू बहाने वाला” यानी हंसी वाली इमोजी, जो दुनिया भर में सबसे पसंदीदा है।